रक्सौल। : भगवान राम की ससुराल नेपाल के जनकपुर में है। शुक्रवार को जनकपुर से ‘भार यात्रा’ भारतीय सीमा में प्रवेश कर गई। यहां पूरे उत्साह और फूलों से यात्रा में शामिल लोगों का स्वागत किया गया। इस मौके की सामने आई तस्वीरों में उमंग साफ झलक रही है।
जानकारी के अनुसार, स्वागत के लिए दिल्ली-काठमांडु को जोड़ने वाले मुख्यपथ पर करीब 6 किलोमीटर लंबी कतार में श्रद्धालु सड़क के दोनों किनारों पर फूल, अक्षत, ,चंदन और भार लेकर खड़े थे। यहां सांसद डॉ. संजय जायसवाल, विधायक प्रमोद सिन्हा ने भारत-नेपाल मैत्री पुल पर भार यात्रा का स्वागत किया। वे भार यात्रा में शामिल भी हुए।
बता दें कि भार यात्रा का कलावा रथ भारत में आठ किलोमीटर अंदर तक आ गया है। श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा यज्ञ से पूर्व 4 जनवरी को रामजानकी मंदिर, जनकपुर धाम के उत्तराधिकारी महंथ राम रोशन दास वैष्णव भार लेकर श्रद्धालुओं के साथ पहुंचे हैं।
भार यात्रा में क्या-क्या आया
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए यज्ञ से पूर्व मिथिला की परंपरा के अनुसार रथ से मेवा और चांदी का बर्तन, तीर, धनुष, खड़ाऊ, फल-फूल आदि खाद्य सामग्री का भार अयोध्या पहुंचेगा।
सांसद और विधायक सांसद डॉ. संजय जयसवाल व विधायक मैत्री पुल पर भार यात्रा का स्वगत करते।
रक्सौल शंकराचार्य द्वार पर भार यात्रा के साथ आए जत्थे का स्वागत।
रक्सौल में भारत-नेपाल मैत्री पुल पर बजरंग दल के कार्यकर्ता ढोल-नगाड़े की धुन पर झूमते हुए।
रक्सौल: भार यात्रा के सुरक्षा व्यवस्था में तैनात सुरक्षाकर्मी।
रक्सौल : भारत-नेपाल मैत्री पुल पर भार यात्रा की सुरक्षा के लिए डॉग स्क्वॉड के साथ तैनात एसएसबी जवान।
रक्सौल: जनकपुर से भार लेकर आ रहे रथ का स्वागत करने के लिए निकले श्रद्धालु।