Latest News नयी दिल्ली राष्ट्रीय साप्ताहिक

Road Accident: दोपहर और शाम का समय सड़क पर चलने के लिए सबसे खतरनाक,


भारतीय सड़कों पर चलने का सबसे खतरनाक समय

सड़क परिवहन की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे तक भारतीय सड़कों पर सबसे जोखिम भरा समय है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने भारत में सड़क सुरक्षा को लेकर भी एक डेटा रिलीज किया है, जिसमें बताया गया है कि कौन से वाहन सबसे ज्यादा सड़क हादसे का शिकार होते है।

रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सड़कों पर चलने का सबसे खतरनाक समय दोपहर 3 से 9 बजे होता है। सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल भारत में सड़क दुर्घटनाओं की अधिकतम संख्या शाम के समय – शाम 6 बजे से 9 बजे के बीच दर्ज की गई थी, जो देश में कुल दुर्घटनाओं का 20.7 प्रतिशत थी। MoRTH की रिपोर्ट में कहा गया है कि दोपहर और शाम का समय सड़क पर चलने के लिए सबसे खतरनाक समय होता है।

2021 में इन वाहनों से हुई सबसे ज्यादा मौतें

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में सड़क दुर्घटना में टू व्हीलर से लगभग 2 लाख लोगों की मौत हुई है। वहीं, थ्री व्हीलर/ऑटो रिक्शा से लगभग 4.9 प्रतिशत मौतें हुई। अन्य गैर मोटर चालित वाहन से 5.2 प्रतिशत, ट्रक/लॉरी/मिनी ट्रक से 9.4 प्रतिशत, पैदल यात्री 12.2 प्रतिशत, अन्य मोटर वाहन जैसे ट्रेक्टर से 5.7 प्रतिशत, बस से 3.0 प्रतिशत और एसयूवी/कार/जीप से 15.1 प्रतिशत मौते दर्ज की गई है।

सड़क हादसे में सबसे ज्यादा मौतें

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, 2015 तक के आंकड़ों की तुलना में पिछले साल सड़क हादसों के मामले सबसे ज्यादा (1,55,622) थे। आंकड़ों के मुताबिक, 4,03,116 सड़क दुर्घटनाओं में 3,71,884 लोग घायल हुए और 1,55,622 लोगों की मौत हुई। 2021 में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में तमिलनाडु राज्य अन्य राज्यों में सबसे ऊपर है। इसकी संख्या लगभग 55,682 है।

 

वहीं, मध्य प्रदेश दूसरे नंबर (48,219) पर है। सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक जान उत्तर प्रदेश में गई है, इसका आंकड़ा- 21,792 है। इसके बाद तमिलनाडु (15,384), महाराष्ट्र (13,911) और मध्य प्रदेश (12,480) में इतने मौतें दर्ज की गई है। 2021 में अधिकांश सड़क दुर्घटनाएं ओवरस्पीडिंग के कारण हुई, जिसमें 87,050 लोगों की मौत हुई और 2,28,274 लोग घायल हुए। खतरनाक या लापरवाह ड्राइविंग या ओवरटेकिंग से 25.7 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं हुई, जबकि खराब मौसम की स्थिति के कारण केवल 2.8 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गई।