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Russia Ukraine war: हर हाल में खार्कीव छोड़ें भारतीय छात्र,भारत सरकार ने जारी की एडवाइजरी


नई दिल्ली। यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश लाने का आपरेशन गंगा युद्धस्तर पर चल रहा है। यूक्रेन से छात्रों को पहले पड़ोसी देश लाया जा रहा है और वहां से वायुसेना के विमानों व एयर इंडिया समेत निजी क्षेत्र की एयरलाइनों से उन्हें स्वदेश लाया जा रहा है। इस बीच युद्धग्रस्त खार्कीव शहर के हालात बेहद खराब हो चुके हैं। रूस से मिली कुछ सूचनाओं के आधार पर कीव स्थित भारतीय दूतावास ने एक आपात एडवाइजरी जारी कर खार्कीव में मौजूद अपने सभी नागरिकों को हर हाल में शाम छह बजे तक शहर छोड़ने का सुझाव दिया।

फंसे भारतीय छात्रों को निकालने का काम युद्धस्तर पर जारी

स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारतीय नागरिकों से कहा गया कि संभव हो तो वे पैदल ही खार्कीव से बाहर निकल जाएं। देर शाम खबर लिखे जाने तक खार्कीव से सूचना आई कि रूस ने इस शहर पर भीषण हमला फिर से शुरू कर दिया था। भारतीय दूतावास की तरफ से जारी एडवाइजरी के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि खार्कीव के बारे में हमें रूस की तरफ से कुछ सूचनाएं मिली हैं। हमने उसी आधार पर अपने नागरिकों को किसी भी तरह से इस शहर को छोड़ने को कहा।

अगले 24 घंटे में हंगरी, पोलैंड व रोमानिया से 15 उड़ानों से और भारतीय लाए जाएंगे स्वदेश

नागरिकों को यह भी कहा गया कि कुछ ही किलोमीटर स्थित पेसोचिन (11 किलोमीटर दूर), बबाई (12 किलोमीटर दूर) और बेजलीदिवका (16 किलोमीटर) के लिए रवाना हों। अगर किसी वाहन की व्यवस्था न हो पा रही हो तो अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए पैदल ही इन शहरों की तरफ निकलें जो ज्यादा सुरक्षित हैं। इन शहरों में छह बजे तक पहुंचने को कहा गया था। भारतीय दूतावास की तरफ से यह एडवाइजरी आने से कुछ ही घंटे पहले खार्कीव के अधिकारियों ने शहर में बिजली-पानी का कनेक्शन रूसी सैनिकों की तरफ से काटे जाने की बात कही थी। वहां भयंकर सर्दी है और बिजली नहीं होने से बंकरों में छिपकर रहना भी मुश्किल हो जाएगा। साथ ही संपर्क भी स्थापित नहीं हो पाएगा।

20 हजार भारतीय छात्रों में से 17 हजार छोड़ चुके हैं यूक्रेन

सरकार की तरफ से बताया गया है कि बुधवार देर शाम तक 20 हजार भारतीय छात्रों में से 17 हजार यूक्रेन छोड़ चुके हैं। इनमें बुधवार शाम तक 3,352 यात्री भारत पहुंच चुके थे। जबकि देर रात तक भारतीय वायुसेना के विशेष विमानों से 800 यात्रियों के गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पहुंचने की सूचना भी है। अगले 24 घंटे में हंगरी, पोलैंड व रोमानिया से 15 उड़ानों से और भारतीय नागिरक स्वदेश लाए जाएंगे। इनमें से 14 उड़ानें दिल्ली आ रही हैं जबकि एक उड़ान मुंबई के लिए है। इन उड़ानों से 3,700-3,800 भारतीयों के स्वदेश लौटने की संभावना है।

  1. अगर यूक्रेन की बात करें तो कम से कम 1,500 छात्रों के पूर्वी यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों से पोलैंड, हंगरी और रोमानिया सीमा की तरफ रवाना होने की सूचना है। इनमें से कुछ सौ छात्रों के कीव रेलवे स्टेशन पर फंसे होने की भी सूचना है। यह पूछे जाने पर कि अभी खार्कीव में कितने छात्र हैं तो बागची ने कहा कि इसकी कोई ठोस जानकारी नहीं है क्योंकि मंगलवार देर रात और बुधवार सुबह भी कई छात्रों के शहर छोड़ने की सूचना है। लेकिन इस युद्धकाल में भी दूतावास के कुछ अधिकारियों को खार्कीव की तरफ भेजने के लिए संबंधित पक्षों से बात की जा रही है।

बुखारेस्ट, बुडापेस्ट और रेसजोव से भारतीय नागरिकों को लाया जा रहा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से मनोनीत चारों केंद्रीय मंत्रियों के भी हंगरी, पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया और मालदोवा पहुंचने की वजह से एयर इंडिया और वायुसेना के साथ संपर्क बनाने में मदद मिल रही है। भारतीय वायुसेना के एक विशेष जहाज से मंगलवार को दो टन राहत व चिकित्सा सामग्री यूक्रेन रवाना हुई थी। जबकि बुधवार को वायुसेना के तीन और विमानों से मदद भेजी गई है। इन विमानों से वापसी में बुखारेस्ट, बुडापेस्ट और रेसजोव से भारतीय नागरिकों को लाया जा रहा है।

 

यूक्रेन की पश्चिम सीमा पर स्थित छोटा सा देश मालदोवा भी भारत को काफी सहयोग कर रहा है। खास तौर पर ओडेसा (यूक्रेन) में पढ़ने वाले छात्रों को मालदोवा होते हुए रोमानिया भेजने में मदद मिल रही है। विशेष उड़ान से जिन छात्रों को लाया जा रहा है, उन्हें वीजा वगैरह लेने की कोई जरूरत नहीं है।