यूरोप में मंदी का खतरा
ईयू की अंतरराष्ट्रीय मामलों की कार्यकारी निदेशक एलीना बारड्रैम ने कहा है कि रूसी गैस की आपूर्ति कम होने के चलते यूरोप में मंदी का खतरा है, आने वाले कुछ महीने हमारे लिए बहुत मुश्किल वाले हो सकते हैं, बावजूद इसके यूरोपीय यूनियन (ईयू) यूक्रेन को समर्थन जारी रखेगा। जबकि अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आइईए) के प्रमुख फातिह बिरोल ने कहा, रूस के हाल के व्यवहार को देखते हुए आशंका है कि वह यूरोपीय देशों को आपूर्ति होने वाली गैस की पूरी मात्रा रोक सकता है।
अभी से तैयार कर लेनी चाहिए आपात योजना
इसके लिए वह कोई भी तकनीक बहाना बना सकता है। इसलिए यूरोप को आपातकालीन योजना अभी से तैयार कर लेनी चाहिए। वैकल्पिक व्यवस्था के लिए आइईए ने ईयू को अक्षय ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा स्त्रोतों का सुझाव दिया है। यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने करने के लिए कोयले पर आधारित बिजलीघरों को पुन: चालू करने के संकेत दिए हैं।
पर्यावरण सुधार को तगड़ा लगेगा झटका
ईयू सदस्य जर्मनी, इटली और आस्ट्रिया इस आशय के आसार पहले ही जता चुके हैं। लेकिन इसके चलते दशकों से जारी पर्यावरण सुधार के कदमों को तगड़ा झटका लगेगा। आपूर्ति कम होने से यूरोप में गैस की मांग और आपूर्ति में अंतर पैदा हो गया है जिसके चलते गैस के मूल अप्रत्याशित तेजी से बढ़े हैं।
गैस मूल्य 300 प्रतिशत ज्यादा
पिछले वर्ष की तुलना में इस समय गैस मूल्य 300 प्रतिशत ज्यादा हो गया है। चूंकि यूरोप में बिजली भी रूसी गैस से बनती है, इसलिए वहां पर बिजली मूल्य बढ़ गए हैं। इसलिए रूसी गैस में कटौती होने के व्यापक प्रभाव पड़ रहे हैं और यूरोप पर मंदी का खतरा मंडराने लगा है।