News TOP STORIES अन्तर्राष्ट्रीय नयी दिल्ली राष्ट्रीय

SCO Summit : LAC पर तनाव कम, फिर भी मोदी-चिनफिंग की मुलाकात पर सस्पेंस


नई दिल्ली। उज्बेकिस्तान के ऐतिहासिक शहर समरकंद में पीएम नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच मुलाकात होगी या नहीं, इसको लेकर अभी तक स्थिति साफ नहीं है। जिस तरह से पीएम मोदी के समरकंद के जाने का कार्यक्रम बना है, उसे देखते हुए इन दोनों नेताओं के बीच बैठक की संभावना कम ही दिख रही है। पीएम मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में हिस्सा लेने के लिए सिर्फ 24 घंटे के लिए वहां जा रहे हैं। मोदी गुरुवार देर रात समरकंद पहुंचेंगे। इस दिन शीर्ष नेताओं के लिए आयोजित रात्रि भोज में भी वह हिस्सा नहीं ले सकेंगे।

विदेश सचिव ने बताया पीएम का कार्यक्रम

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया है कि पीएम मोदी एससीओ की शीर्ष नेताओं की बैठक में शुक्रवार (16 सितंबर) को हिस्सा लेंगे और उसी दिन शाम को उनकी कुछ नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी। फिर शुक्रवार को देर रात वह भारत के लिए रवाना हो जाएंगे।

पुतिन, रईसी से मिलेंगे मोदी

विदेश मंत्रालय की तरफ से सिर्फ उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जीयोयेव से पीएम मोदी की द्विपक्षीय मुलाकात के बारे में बताया गया है। जबकि रूस की सरकार ने बताया है कि पीएम मोदी की राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात होनी तय हो गई है। दूसरी तरफ ईरान के राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से भी यह सूचना दी गई है कि उनके राष्ट्रपति डॉ इब्राहिम रईसी के साथ पीएम मोदी की मुलाकात होनी है।

jagran

मोदी-चिनफिंग की मुलाकात पर सस्पेंस

मोदी-चिनफिंग मुलाकात के बारे में चीन और भारत के विदेश मंत्रालयों की तरफ से चुप्पी है। विदेश सचिव क्वात्रा ने सिर्फ यह बताया है कि पीएम मोदी की जिस भी नेता के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी उसके बारे में समय पर मीडिया को जानकारी दी जाएगी।

चिनफिंग के आमने-सामने होंगे मोदी

बताया जा रहा है कि 16 सितंबर, 2022 को दिन भर चलने वाली एससीओ बैठक के दौरान कम से कम तीन बार पीएम मोदी चीन के राष्ट्रपति चिनफिंग और पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ के आमने सामने होंगे। ऐसे में इनके बीच भले ही आधिकारिक तौर पर द्विपक्षीय बैठक ना हो, लेकिन अनौपचारिक बातचीत होने की संभावना है। वैसे चिनफिंग के साथ मोदी जल्द ही जी-20 शिखर बैठक में भी मंच साझा करेंगे।

बता दें कि 8 सितंबर 2022 को भारत व चीन की तरफ से यह बताया गया कि पूर्वी लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी सैन्य विवाद से जुड़े स्थल पीपी-15 से सैनिकों की वापसी का फैसला हो गया है। तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि एससीओ बैठक में मोदी और चिनफिंग के बीच मुलाकात हो जाएगी।

कुछ ऐसा ही वर्ष 2017 में डोकलाम विवाद के समय हुआ था। तब ब्रिक्स शिखर सम्मलेन होना था। बैठक से कुछ ही दिन पहले तीन महीने से चले आ रहे डोकलाम विवाद का समाधान निकालने को लेकर दोनो देशों के बीच सहमति बनी थी।