पुणे, महाराष्ट्र। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख नेता शरद पवार ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस मुक्त भारत संभव नहीं है क्योंकि कोई भी इस पार्टी की विचारधारा और योगदान को नजरअंदाज नहीं कर सकता है। बता दें कि कांग्रेस के 138वें स्थापना दिवस पर शरद पवार पुणे स्थित पार्टी कार्यालय पहुंचे थे।
दिग्गज नेता पहुंचे पुणे में पार्टी कार्यालय
कांग्रेस भवन परिसर में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि यह जगह कई ऐतिहासिक पलों की गवाह रही है। कांग्रेस के लगभग सभी दिग्गज जैसे कि महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने इस जगह का दौरा किया है। पहले, पुणे का कांग्रेस कार्यालय राज्य का प्रधान कार्यालय था।
भूल नहीं सकते कांग्रेस का इतिहास
शरद पवार ने आगे कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि हम कांग्रेस मुक्त भारत बनाएंगे लेकिन यह संभव नहीं है। यदि हम भारत को आगे ले जाना चाहते हैं तो हमें कांग्रेस को आगे बढ़ाना होगा, हम कांग्रेस के योगदान और इतिहास को नहीं भूल सकते। एनसीपी प्रमुख ने आगे कहा कि महाराष्ट्र और राष्ट्रीय स्तर पर समान विचारधारा वाले सभी दलों ने एक साथ आने का फैसला किया है। वहीं, उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि उन्हें विश्वास है कि कांग्रेस मुक्त भारत की विचारधारा का सामना करने व उसे हराने के लिए सबका समर्थन मिलेगा।
कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में पवार ने की थी राजनीतिक जीवन की शुरुआत
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत महाराष्ट्र के पुणे जिले से ही एक कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में की थी लेकिन 1999 में इसे छोड़ दिया और अपनी पार्टी एनसीपी बनाई थी। हालांकि बाद में उन्होंने कांग्रेस से फिर गठबंधन कर लिया था।
कांग्रेस ने मनाया 138वां स्थापना दिवस
भारत की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) ने 28 दिसंबर को अपना 138वां स्थापना दिवस मनाया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे मुंबई के सोमैया मैदान में एक विशाल रैली में शामिल हुए थे। इस मौके पर कन्हैया कुमार, नाना पटोले, केसी वेणुगोपाल, अशोक चव्हाण और इमरान प्रतापगढ़ी जैसे कांग्रेस नेता भी उपस्थित थे।
72 प्रतिनिधियों के साथ हुई थी कांग्रेस की शुरुआत
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर, 1885 को बॉम्बे (मुंबई) में दास तेजपाल संस्कृत कॉलेज में 72 प्रतिनिधियों की उपस्थिति में हुई थी। इसके संस्थापक महासचिव एओ ह्यूम थे और व्योमेश चंद्र बनर्जी को अध्यक्ष बनाया गया था।