News TOP STORIES नयी दिल्ली राष्ट्रीय

Supreme Court : रेवड़ी कल्चर सही या गलत, मुफ्त लुभावनी योजनाओं पर सुप्रीम कोर्ट में कल फिर होगी सुनवाई


नई दिल्ली, । Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को राजनीतिक पार्टियों के मुफ्त वादों के खिलाफ लगी याचिका पर करीब 45 मिनट तक सुनवाई हुई। इसमें पार्टियों के मुफ्त वादों पर रोक लगाने की मांग गई है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान संकेत दिया कि वह इस केस को बड़ी बेंच में भेजा जा सकता है। अगली सुनवाई बुधवार यानी 24 अगस्त को होगी।

सुनवाई के दौरान वकील विकास सिंह ने कहा कि मुफ्त वादों के चलते देश दिवालिया होने की स्थिति में है। इस पर CJI रमना ने कहा कि- मान लीजिए कोई वादा कर दूं कि चुनाव जीतने पर लोगों को सिंगापुर भेज दूंगा। तो चुनाव आयोग इस पर कैसे रोक सकता है।

सुप्रीम कोर्ट में आज की सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल न्याय मित्र के तौर पर, जबकि अभिषेक मनु सिंघवी आम आदमी पार्टी और विकास सिंह याचिकाकर्ता के वकील के तौर पर पेश हुए। केस की सुनवाई कर रही चीफ जस्टिस एनवी रमना की बेंच में जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली शामिल थीं।

सुप्रीम कोर्ट भी मान चुका रेवड़ी कल्चर को गंभीर

बता दें कि 11 अगस्त को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने रेवड़ी कल्चर को गंभीर माना था। SC का दो टूक कहना था कि पैसों का उपयोग इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए होना चाहिए। इस मामले में आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट को तर्क दिया था कि कल्याणकारी योजनाओं और मुफ्त के रेवड़ी कल्चर में अंतर है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अर्थव्यवस्था, पैसा और लोगों के कल्याण के बीच संतुलन जरूरी है।  सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि ये फ्री योजनाएं देश, राज्य और जनता पर बोझ बढ़ाता है। इस पर सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि सरकार भी इस बात से सहमत है। याचिकाकर्ता ने विशेषज्ञ कमेटी बनाने की मांग की थी, लेकिन बेंच ने कहा कि पहले अन्य के सुझाव पर भी गौर करेंगे। आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर इस मुद्दों पर विचार के लिए विशेषज्ञ कमिटी के गठन की मांग का विरोध किया था।

आम आदमी पार्टी ने जताया था ऐतराज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेवड़ी कल्चर वाले बयान पर आम आदमी पार्टी सहित कई विपक्षी दल के नेताओं ने ऐतराज जताया था। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मोदी के बयान के तत्काल बाद पूरे गुजरात में प्रदर्शन किया था। आम आदमी पार्टी ने 200 यूनिट तक बिजली बिल माफी जैसी मुफ्त या अत्यधिक सब्सिडी वाली सेवाओं के दिल्ली मॉडल को प्रदर्शित करके चुनावी अभियान गुजरात में अपने चुनावी अभियान को आधार बनाया है। इसे लेकर ही फ्रीबीज पर ये बवाल मचा है।