पटना। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनोज शर्मा ने कहा है कि प्रदेश में विगत दिनों जो लाखों शिक्षकों को नौकरियां दी गई है, उसका निर्णय एनडीए सरकार के दौरान ही सात निश्चय-2 के तहत लिया गया था। रेलवे में नौकरी देने के बदले गरीबों से जमीन हथियाने वाला राजद नेतृत्व शिक्षक बहाली एवं नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का श्रेय लेकर अपने अपराध को छुपाना चाहता है।
शर्मा ने कहा तेजस्वी यादव हताशा में बिहार की जनता को झांसा देने की कोशिश कर रहे हैं, मगर जनता उनके किसी बहकावे में आने वाली नहीं है। चोर दरवाजे से 17 महीने के लिए सरकार में आए राजद ने सत्ता को सेवा नहीं मेवा खाने का माध्यम बना लिया था।
उन्होंने कहा कि जातीय सर्वे का निर्णय एनडीए सरकार के दौरान लिया गया था। अहम यह है कि राजद शुरू से पिछड़ा, अतिपिछड़ा के आरक्षण का विरोधी रहा है। अतिपिछड़ों की हकमारी करना राजद की पुरानी आदत रही है।
मनोज शर्मा बोले, राजद के 15 वर्षों के शासनकाल में दलित न केवल गाजर-मूली की तरह काटे गए, बल्कि अतिपिछड़ा समाज अत्याचार और उत्पीड़न का शिकार रहा। उन्होंने कहा कि तेजस्वी एवं उनके दल का चाल, चरित्र व चेहरा जगजाहिर है। बालू, दारू एवं भू माफिया को संरक्षण देकर आतंक एवं भय का माहौल कायम करने वाला राजद जनता की चित से उतर चुका है।
बिहार में सरकारी नौकरियों की बहार : राजीव रंजन
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने गुरुवार को कहा कि बिहार में सरकारी नौकरियों की बहार छायी हुई है। मुख्यमंत्री के सात निश्चय से बिहार में सरकारी नौकरियों की भरमार हो गयी है। दस लाख नौकरी व दस लाख रोजगार के निश्चय के तहत तेजी से काम चल रहा है। इसके तहत जहां सरकारी विभागों में लगातार नियुक्तियां निकाली जा रही हैं वहीं अन्य योजनाओं के जरिए रोजगारों का सृजन भी हो रहा है।
राजीव रंजन ने कहा कि बीते कुछ वर्षों से शिक्षा, पुलिस, प्रशासन व अन्य विभागों में तकरीबन पांच लाख नियुक्तियां हो चुकी हैं। आने वाले एक वर्ष में तीन लाख अन्य नियुक्तियों का लक्ष्य रखा गया है। इस तीन लाख नियुक्तियों में 2.64 लाख से अधिक नियुक्तियों पर काम शुरू हो गया है। इनमें से 2.46 लाख पदों पर बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा भर्ती की जाएगी।