नई दिल्ली, । जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के विस्थापन और जिहादियों की ओर से उन पर हुए अत्याचारों पर बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) देश में जबरदस्त धूम मचा रही है। लेकिन फिल्म को लेकर देश का सियासी पारा चरम पर पहंच गया है। इसको लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी आमने-सामने आ गए हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रीडम आफ एक्सप्रेशन को लेकर फिल्म का पक्ष और कांग्रेस का नाम लिए बगैर महात्मा गांधी और इमरजेंसी का जिक्र किया तो कांग्रेस ने इसका जबरदस्त विरोध किया। जनसंघ के बहाने भाजपा पर तंज कसा। उधर, अब तक देश के भाजपा शासित राज्यों ने इस फिल्म को टैक्स फ्री करने की घोषणा की है। आइए जानते हैं कि पीएम मोदी ने ऐसा क्या कहा कि कांग्रेस तिलमिला उठी।
क्या कहा पीएम मोदी ने
1…अगर किसी ने उस समय हिम्मत के साथ काम करके महात्मा गांधी के जीवन पर फिल्म न बनाई होती तो दुनिया को गांधी के महान व्यक्तित्व के बारे में पता भी न चलता। पहली बार एक विदेशी ने महात्मा गांधी पर फिल्म बनाई औऱ उसे पुरस्कार मिला, तब जाकर दुनिया को पता चला कि गांधी इतने महान व्यक्ति थे। कुछ लोग फ्रीडम आफ एक्सप्रेशन के बारे में कहते तो बहुत कुछ हैं, लेकिन आपने देखा होगा इमरजेंसी इतनी बड़ी घटना कोई फिल्म नहीं बना पाया, क्योंकि सत्य को दबाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है।
3…कोई सत्य उजागर करने का साहस करे उसको जो सत्य लगा उसने प्रस्तुत करने की कोशिश की, लेकिन उस सत्य को न समझने की तैयारी, न स्वीकार करने की तैयारी, न ही दुनिया इसको देखे इसकी उसको मंजूरी है… मेरा विषय कोई फिल्म नहीं है, मेरा विषय है जो सत्य है उसे सभी स्वरूप में देश के सामने लाना चाहिए।
पीएम मोदी को कांग्रेस ने दिया जवाब
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार झूठ फैलाकर हमेशा राजनीतिक फायदा तलाशती रहती है। सुरजेवाला ने ट्विटर पर एक के बाद एक छह पोस्ट किए। उन्होंने लिखा है क्या देश के प्रधानमंत्री, बापू के आदर्शों से लेकर कश्मीरी पंडितों के दर्द तक सब कुछ फिल्मों के जिम्मे छोड़ देना चाहते हैं ? तथ्यों और सच्चाई से मुंह फेरे मोदी सरकार को आखिर कब अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होगा ? आखिर कब तक केवल झूठ-नफरत-बंटवारे में ही राजनीतिक अवसर तलाशते रहेंगे ? सुरजेवाला ने कहा, आपका पितृ संगठन 1925 में गठन से लेकर 1947 तक देश के स्वतंत्रता आंदोलन और बापू के विरोध में खड़ा रहा। असहयोग आंदोलन हो, सविनय अवज्ञा हो या भारत छोड़ो का देशव्यापी आंदोलन हो…हर बार अंग्रेजों के साथ खड़े रहे। जब देश आजाद हुआ तो पहले दिन से ‘बांटो और राज करो’ अपना लिया।’