संयुक्त राष्ट्र। भारत और अमेरिका की राह में एक बार फिर चीन ने अड़गा डाल दिया। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका और भारत ने पाकिस्तानी आतंकी शाहिद महमूद का नाम ग्लोबल आतंकी की लिस्ट में डालने की अपील की थी जिसपर चीन ने रोक लगा दिया है। यह चौथी बार है जब वैश्विक मंच पर आतंकियों के बचाव में चीन सामने आया है।
पिछले माह भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने UNGA के 77वें सत्र को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में आतंकियों के ब्लैकलिस्ट करने को लेकर चीन और पाकिस्तान दोनों को इस बारे में हिदायत दी थी।
पिछले माह भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने UNGA के 77वें सत्र को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में आतंकियों के ब्लैकलिस्ट करने को लेकर चीन और पाकिस्तान दोनों को इस बारे में हिदायत दी थी।
जयशंकर ने कहा था-
- UN आतंकियों पर बैन लगाता है, बचाव में आ जाते हैं आतंक को प्रायोजित करने वाले देश
- किया जाता है UNSC 1267 रिजालूशन व्यवस्था का राजनीतिकरण
सितंबर में तीसरी बार आतंकी का किया था बचाव
इससे पहले सितंबर में चीन ने एक आतंकी को वैश्विक आतंकी की लिस्ट में डालने पर अड़ंगा डाला था। तीसरी बार उसने ऐसा कदम उठाया था। यूएन में आतंकी साजिद मीर को वैश्विक आतंकी करार देने की मांग की गई थी। इसपर चीन ने रोक लगा दी थी।
अगस्त में दिखा था चीन का दोहरा चरित्र
इसी साल अगस्त में भी चीन का दोहरा चरित्र दिखा था, जब भारत और अमेरिका के प्रस्ताव पर इसने रोक लगा दी थी। उस वक्त जैश ए मोहम्मद के आतंकी अब्दुल रऊफ अजहर को संयुक्त राष्ट्र की तरफ से प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव रखा था जिसे चीन के विरोध की वजह से पारित नहीं कराया जा सका।
अब्दुल रहमान मक्की को भी वैश्विक आतंकी करार देने की राह में आया था चीन
जुलाई 2022 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में पाकिस्तानी आतंकी अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकी के तौर पर सूचीबद्ध करने के प्रस्ताव को चीन ने गिरा दिया था। जैश के सरगना आतंकी मौलाना मसूद अजहर का भी चीन ने बचाव किया है।