एक किमी रेडियस की हवा को करेगा साफ
बता दें कि हाल ही में BHEL ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अपने तरह का यह पहला एपीसीटी नोएडा प्राधिकरण के सहयोग से नोएडा में स्थापित किया है। यह टावर लगभग एक वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में हवा को शुद्ध करेगा। डीएनडी और नोएडा एक्सप्रेसवे पर यातायात अत्यधिक होने के कारण इस क्षेत्र में उत्पन्न अधिकतम प्रदूषण को देखते हुए इस टावर की स्थापना डीएनडी फ्लाईवे और स्लिप रोड के बीचों-बीच स्थित साइट पर की गई है।
…तो ऐसे काम करेगा एयर पॉल्यूशन कंट्रोल टावर
गौरतलब है कि नोएडा एनसीआर में प्रत्येक साल ठंड बढ़ते वायु की गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक गिर जाती है। जिसके कारण जनमानस को अत्यधिक असुविधा का सामना करना पड़ता है। सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर, सल्फर डाइऑक्साइड , नाइट्रोजन के ऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड इत्यादि मिलकर वायु को प्रदूषित करते हैं। इस समस्या के निराकरण के लिए वायु प्रदूषण नियंत्रण टावर की स्थापना जरूरी है। वायु प्रदूषण नियंत्रण टावर बड़े पैमाने पर हवा को साफ करने के लिए डिजाइन की गई संरचना है। प्रदूषित हवा के टावर में प्रवेश करने के बाद इसे वातावरण में पुनः छोड़ने से पहले कई परतों द्वारा साफ किया जाता है। वायु प्रदूषण नियंत्रण टावर को बड़े पैमाने पर वायु शोधक के रूप में उपयोग किया जा सकेगा।