- बहराइच: दुर्लभ स्वच्छ जलीय जीव कछुओं और कुर्म की देश भर की नदियों और तालाबों में पायी जाने वाली कुल 29 और उत्तर प्रदेश में मौजूद 15 प्रजातियों में से सर्वाधिक 11 प्रजातियां अकेले बहराइच जिले की सरयू नदी में पायी गयी हैं.
दुर्लभ कछुओं के लिये अहम है सरयू का किनारा
एक शोध के अनुसार, बहराइच की सरयू नदी का किनारा दुर्लभ कछुओं के संरक्षण हेतु महत्वपूर्ण है. सरयू नदी में कछुओं की विभिन्न प्रजातियों की पहचान व संरक्षण पर 2008 से वहां काम कर रही स्वैच्छिक संस्था ‘टर्टल सर्वाइवल एलायन्स इन्डिया’ (टीएसए) की प्रतिनिधि एवं शोधकर्ता अरुणिमा सिंह ने एजेंसी को बताया कि भारत में कछुओं की 29 प्रजातियां पायी जाती हैं, जिनमें 24 प्रजाति के कछुए (टॉरटॉइज) एवं पांच प्रजाति के कुर्म (टर्टल) हैं.
उन्होंने बताया ”ये सभी भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की विभिन्न अनुसूचियों के अन्तर्गत संरक्षित हैं. किन्तु इन कछुओं की प्रजातियों, इनके विचरण के क्षेत्रों व प्रकृति में इनके पारिस्थितिक महत्व के बारे में लोग ज्यादा नहीं जानते.”
लोगों को जागरूक किया जा रहा है
अरूणिमा ने बताया कि शोध में प्राप्त निष्कर्षों से अब यह माना जा रहा है कि एक ही नदी में इतनी अधिक प्रजातियों के मिलने से सरयू नदी और इससे जुड़ा इलाका कछुओं की उत्पत्ति और संरक्षण के लिए काफी अनुकूल और महत्वपूर्ण है.