लखनऊ, । उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की 36 सीट पर नौ अप्रैल को होने वाले चुनाव से पहले ही अप्रयत्याशित परिणाम सामने आने लगे हैं। विधानसभा चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी को कड़ी टक्कर देने वाली समाजवादी पार्टी गठबंधन के प्रत्याशी विधान परिषद चुनाव में पांव पीछे खींचने लगे हैं।
उत्तर प्रदेश विधान परिषद के चुनाव में 36 सीटों पर नौ अप्रैल को मतदान होना है। उससे पहले ही भाजपा के तीन प्रत्याशियों की जीत फाइनल हो गई है। मंगलवार को नामांकन पत्रों की जांच के दौरान मथुरा-एटा-मैनपुरी की दोनों सीट पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों के नामांकन पत्र अधूरे मिलने पर इनको खारिज कर दिया गया। इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने बुलंदशहर तथा मेरठ में राष्ट्रीय लोकदल के प्रत्याशी उतारे, लेकिन बुलंदशहर की प्रत्याशी ने अपना नाम वापस ले लिया।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में मैनपुरी व एटा क्षेत्र समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है। समाजवादी पार्टी ने मथुरा-एटा-मैनपुरी से विधान परिषद सदस्य उदयवीर सिंह धाकरे तथा इसी क्षेत्र की दूसरी सीट पर राकेश यादव को प्रत्याशी बनाया है। आज इन दोनों उम्मीदवारों का नामांकन पत्र खारिज हो गया है। अब यहां से भाजपा के प्रत्याशी आशीष यादव और ओम प्रकाश सिंह का निर्विरोध निर्वाचन तय है। सपा उम्मीदवारों को शपथपत्र में त्रुटियां सही कराने के लिए नोटिस देकर मंगलवार सुबह 11 बजे तक नामांकन कक्ष में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया था मगर वह निर्धारित समय तक नहीं पहुंचे। एडीएम आलोक कुमार ने बताया कि एमएलसी चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों के 3 फॉर्म को खारिज कर दिया गया है क्योंकि उनके पास एक अधूरा हलफनामा था और कुछ दस्तावेज गायब थे। किसी को भी विजेता घोषित नहीं किया गया है। 24 मार्च को अंतिम फैसला लिया जाएगा। इन दोनों के नामांकन पत्र के साथ निर्वाचक नामावली की प्रमाणित प्रतिलिपि नहीं थी। शपथ पत्र में स्थान व तिथि का कॉलम खाली था।