आगरा। महिला थानाध्यक्ष डेजी पंवार की दिनचर्या रोज सुबह साढ़े पांच बजे शुरू होती है। पांच और 10 वर्षीय बेटों को स्कूल के लिए तैयार करना, उनका टिफिन बनाकर देना। मगर, दोपहर में स्कूल की छुट्टी के बाद घर पहुंचने पर बच्चों ने समय पर खाना खाया या नहीं, शिक्षक ने कोई मैसेज तो नहीं दिया है समेत कई प्रश्न रहते हैं। जिनका जवाब देर शाम को घर पहुंचने पर मिलता है।
डेजी पंवार के अलावा निबोहरा थाने में तैनात महिला आरक्षी प्रीति और पिनाहट थाने में तैनात महिला आरक्षी स्वाति ज्वाला समेत करीब 300 से अधिक महिला पुलिसकर्मियाें काे रोज इन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।
लोकसभा चुनाव के बाद इसे याेजना को मूर्तरूप देने की तैयारी है। कमिश्नरेट में 650 महिला पुलिसकर्मी हैं। इनमें आरक्षी से लेकर निरीक्षक तक शामिल हैं। जिनमें 60 प्रतिशत महिला पुलिसकर्मी विवाहित हैं।
महिला पुलिसकर्मियों की परेशानी को देखते हुए उन्हें सुविधा देने के लिए मिशन शक्ति की नोडल अधिकारी एसीपी सुकन्या शर्मा द्वारा कार्य योजना बनाई गई। इसके तहत ऐसी महिला आरक्षी जिनके बच्चों की आयु तीन वर्ष तक है। उन्हें दोपहर में दो घंटे की छुट्टी देना, जिन महिला पुलिसकर्मियों के बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं, उन्हें भी शामिल किया गया है।
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बच्चों के स्कूल की छुट्टी गर्मी और सर्दी में अलग-अलग समय पर होती है। इसलिए उन्हें बच्चों के स्कूल की छुट्टी के समय दो घंटे का अवकाश देना तय किया गया।जिससे कि वह घर जाकर बच्चों की देखभाल कर सकें।उनके साथ समय बिता सकें।
कार्य योजना में गर्भवती महिला पुलिसकर्मियों को भी शामिल किया गया है। इसके तहत उन्हें चिकित्सक द्वारा निर्धारित चेकअप पर पूरे दिन की छुट्टी देने की योजना है। इसके साथ ही गर्भवती महिला पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाते समय भी यह ध्यान रखा जाएगा कि उन्हें ऐसी तैनाती न दी जाए जिसे असुविधा हो। उन्हें दबिश समेत अन्य ड्यूटी से दूर रखा जाएगा।
एसीपी नोडल अधिकारी मिशन शक्ति सुकन्या शर्मा ने कहा कि महिला पुलिसकर्मियों को प्रतिदिन दोपहर में दो घंटे की छुट्टी देने की योजना पर मंथन चल रहा है। इसे लोकसभा चुनाव के बाद मूर्तरूप देने की तैयारी है। जिन महिला पुलिसकर्मियों के बच्चे स्कूल जाते हैं उन्हें बच्चों की छुट्टी के समय प्रतिदिन दो घंटे की छुट्टी देने की योजना है। वहीं, जिनके बच्चों की आयु तीन वर्ष तक है, उन्हें भी दो घंटे की छुट्टी दी जाएगी।