लखनऊ, गौ आधारित प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देकर प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ-साथ गुणवत्तायुक्त कृषि उपज के जरिए धरती व मानव दोनों का स्वास्थ्य सुधारने की दिशा में सरकार के स्तर से बड़ी पहल की जा रही है। प्राकृतिक खेती के छोटे-छोटे प्रयोगों से इतर अब पूरे प्रदेश में एक साथ वृहद पैमाने पर गौ आधारित खेती का खाका बुना गया है। इसके तहत प्रदेश के 49 जिलों के 85,750 हेक्टेयर में गौ आधारित प्राकृतिक खेती की जाएगी।
गंगा में प्रदूषण स्तर को कम करने पर भी होगा काम
इनमें गंगा किनारे बसे 27 जिले भी शामिल होंगे। गंगा नदी के किनारे पांच-पांच किमी क्षेत्र को कवर किया जाएगा, ताकि नदी के प्रदूषण स्तर को कम किया जा सके। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी दिवस के दिन प्राकृतिक खेती पोर्टल को लांच करेंगे।केंद्र व राज्य सरकार के साझा प्रयास से चलने वाले इस प्रोजेक्ट के तहत प्रति हेक्टेयर 28714 रुपये अगले चार वर्षों में व्यय किए जाएंगे। स्पष्ट है कि गौ आधारित प्राकृतिक खेती को प्रदेश में बढ़ावा देने के लिए करीब 246 करोड़ रुपये सरकार के स्तर से खर्च किए जाएंगे।
किसानों को दिया जाएगा प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण
प्रथम वर्ष (चालू वित्तीय वर्ष) में क्लस्टर चयन की प्रक्रिया पूरी करने के साथ ही कृषकों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। किसानों को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। वहीं अगले वित्तीय वर्ष से उत्पादन पर फोकस होगा। संयुक्त कृषि निदेशक एके बिश्नोई जो कि इस योजना के नोडल पदाधिकारी भी हैं ने बताया कि किसानों के चयन की प्रक्रिया 90 प्रतिशत तक पूरी की जा चुकी है और इन्हें पोर्टल पर अपलोड भी किया जा रहा है।
यूपी दिवस के दिन सीएम योगी लांच करेंगे प्राकृतिक खेती पोर्टल
मुख्यमंत्री यूपी दिवस के दिन प्राकृतिक खेती पोर्टल को लांच करेंगे। उन्होंने बताया कि रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती, कृषि उत्पाद की गुणवत्ता को भी बरकरार रखेगी और भूमि के स्वास्थ्य की भी रक्षा करेगी। प्राकृतिक खेती योजना के तहत सब्सिडी सीधे निबंधित किसानों के खाते में भेजी जाएगी। गौ आधारित प्राकृतिक खेती से जुड़े प्रगतिशील किसानों को प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
प्रदेश में 50-50 हेक्टेयर के 1715 क्लस्टर किए जाएंगे विकसित
प्राकृतिक खेती के इस प्रोजेक्ट के तहत राज्य के 49 जिलों में 50-50 हेक्टेयर के 1715 क्लस्टर विकसित करने की योजना है। प्रत्येक क्लस्टर से किसानों के समूह को जोड़ा जाएगा। शर्त यह भी होगी कि किसी भी किसान के पास एक हेक्टेयर से अधिक भूमि नहीं होनी चाहिए। स्पष्ट है कि प्रत्येक क्लस्टर से अधिकतम 50 किसान ही जुड़ सकेंगे।
किसान को रखनी होगी देसी गाय
गौ आधारित प्राकृतिक खेती से जुड़े किसानों को कम से कम एक देसी गाय रखनी होगी। इससे एक ओर जहां निराश्रित पशुओं की समस्या काफी हद तक हल होगी, वहीं गाय का गोबर व गौ मूत्र जीवामृत व वीजामृत तैयार करने के काम आएगा। प्राकृतिक खेती में बीज के अलावा खेती से जुड़ी कोई भी चीज बाहर से नहीं लाई जाएगी। इसे जीरो बजट खेती भी कहा जाता है।