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जल्द भरे जाएंगे उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों के पद, नए शिक्षा मंत्री ने दिया संकेत


  • नई दिल्ली, । केंद्रीय विश्वविद्यालयों सहित आइआइटी, एनआइटी और ट्रिपल आइटी जैसे देश के उच्च शिक्षण संस्थानों को अब अपने प्रमुखों के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा। शिक्षा मंत्रालय की नई जिम्मेदारी संभालने वाले धर्मेंद्र प्रधान ने उच्च शिक्षण संस्थानों में कुलपति और निदेशकों के खाली पड़े पदों को जल्द भरने के संकेत दिए हैं। इस संबंध में उन्होंने जानकारी भी मांगी है। स्थिति यह है कि मौजूदा समय में अकेले करीब दो दर्जन केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ही कुलपति के पद खाली हैं।

मंगलवार को राष्ट्रपति से भी की मुलाकात

इस बीच, शिक्षा मंत्री प्रधान ने मंगलवार को राष्ट्रपति से भी मुलाकात की है। फिलहाल इस मुलाकात को एक शिष्टाचार भेंट बताया जा रहा है। यहां यह बताना उचित होगा कि राष्ट्रपति केंद्रीय विश्वविद्यालयों के विजिटर भी होते हैं। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति उनकी ओर से ही की जाती है। हालांकि इसके लिए नामों का पैनल शार्टलिस्ट करके शिक्षा मंत्रालय की ओर से भेजा जाता है। मौजूदा समय में देश में करीब 50 केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं। जिन केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुलपति का पद खाली है, उनमें जेएनयू, डीयू, बीएचयू जैसे देश के प्रमुख संस्थान भी शामिल हैं। इसके साथ ही आइआइटी, एनआइटी और ट्रिपल आइटी में निदेशकों के बड़ी संख्या में पद खाली हैं।

मौजूदा समय में करीब दो दर्जन केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुलपति के पद हैं रिक्त

उच्च शिक्षण संस्थानों में यह स्थिति तब है, जब देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में बड़े सुधार को लेकर तेजी से काम चल रहा है। हालांकि नीति में ऐसी स्थिति को लेकर सतर्क किया गया है। इसमें उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों के पदों को लंबे समय तक खाली न रखने की सिफारिश की गई है। माना जा रहा है कि इसे देखते हुए कोरोना काल में कार्यकाल पूरा कर रहे जेएनयू सहित कई विश्वविद्यालयों के कुलपति को मंत्रालय ने नई नियुक्ति होने तक पदों पर रहने के निर्देश दिए थे। गौरतलब है कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुलपति के खाली पदों को भरने की कोशिशें पिछले कई महीनों से चल रही थीं। लेकिन यह काम पूरा नहीं हो पाया और इससे पहले कैबिनेट में फेरबदल हो गया। इसमें शिक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी धर्मेंद्र प्रधान को मिल गई है।