नई दिल्ली/न्यूयार्क, । अमेरिका में मध्यावधि चुनाव के बाद अमेरिका में वर्ष 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। रिपब्लिकन पार्टी की ओर से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं। उधर, अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन ने यह कहकर इसे टाल दिया है कि वह परिवार के परामर्श के बाद इस पर फैसला लेंगे। ऐसे में चर्चा है कि भारतीय मूल की दो महिलाएं भी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में दो विरोधी दलों से चुनाव लड़ सकती है। इसमें प्रमुख रूप से निक्की हेली और और डेमोक्रेटिक पार्टी की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस के नामों की चर्चा है।
रिपब्लिकन पार्टी की निक्की हेली बनाम ट्रंप
1- रिपब्लिक पार्टी की नेता व भारतीय अमेरिकी मूल की निक्की हेली ने रविवार को कहा है कि वह राष्ट्रपति पद के लिए एक गंभीर उम्मीदवार हैं। हेली ने कहा कि उन्होंने आम चुनाव में एक बड़ी जीत दर्ज की है। हेली ने जीत के बाद अपने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि हमको लोग कम करके आंकते हैं। उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रपति पद की रेस में शामिल हैं। हेली ने कहा कि मैंने कोई भी चुनाव नहीं हारा और अब मैं आगे की राह के लिए तैयार हूं। हेली ने यह बात रिपब्लिकन यहूदी गठबंधन की एक बैठक में कही। खास बात यह है कि हेली की इस घोषणा के पूर्व ही डोनाल्ड ट्रंप ने यह ऐलान किया था कि वह 2024 में राष्ट्रपति पद के लिए खड़े होंगे।
2- हेली का जन्म दक्षिण अमेरिका के एक छोटे से गांव में हुआ था। यहीं इनका पालन-पोषण हुआ। उन्होंने कहा कि राजनीति में उनकी प्राथमिकता अफ्रीकी अमेरिकी है। हेली पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन का हिस्सा रह चुकी हैं। ट्रंप के मंत्रिमंडल में शामिल होने से पूर्व हेली कैरोलिना की राज्यपाल भी रह चुकीं हैं। रिपब्लिकन बाबी जिंदल के बाद यह पद ग्रहण करने वाली वह भारतीय मूल की दूसरी महिला हैं। उन्होंने एक राजनीतिक समिति स्टैंड फार अमेरिका की स्थापना की है। हेली ने 8 नवंबर को मध्यावधि चुनाव में 60 उम्मीदवारों का समर्थन किया था। उन्होंने इस चुनाव में करीब 60 मिलियन डालर खर्च किए थे। उन्होंने एक राजनीतिक समिति स्टैंड फार अमेरिका की स्थापना की है।
3- एक सर्वेक्षण में हेली को ट्रंप और डेसेंटिस की तुलना में दो फीसद कम समर्थन मिला है। ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर हेली वर्ष 2024 में राष्ट्रपति पद की रेस में शामिल नहीं हो पाती तो भी इससे उनकी प्रोफाइल बढ़ेगी और वह उपराष्ट्रपति पद के लिए दावेदार हो सकती हैं। अपने भाषण के दौरान उन्होंने ट्रंप की आलोचना की। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे उम्मीदवारों को चुनना है जो न केवल एक प्राथमिक बल्कि एक चुनाव भी जीत सकते हैं। उन्होंने 6 जनवरी, 2021 के कांग्रेस पर हमले के बाद ट्रंप के दंगाई समर्थकों की खुलकर निंदा की थी।
डेमोक्रेटिक पार्टी की कमला हैरिस बनाम बाइडन
1- उधर, डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता व उप राष्ट्रपति कमला हैरिस भी वर्ष 2024 में राष्ट्रपति चुनाव की रेस में शामिल हो सकती हैं। वर्ष 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में भी हैरिस ने इसके लिए दावा पेश किया था। हालांकि, इस अभियान के अंतिम चरण में जो बाइडन ने बाजी मार ली थी। बाइडन ने हैरिस के नाम को उप राष्ट्रपति पद के लिए आगे बढ़ाया। इसलिए यह कहा जा रहा है कि हैरिस की किस्मत बाइडन से जुड़ी है।
2- सीएनएन के सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि 67 फीसद लोग नहीं चाहते कि बाइडन फिर से चुनाव लड़े। ऐसे में हैरिस की राष्ट्रपति पद के लिए दावेदारी मजबूत होगी। इस बाबत डेमोक्रेटिक प्रतिनिधि ने कहा है कि मुझे लगता है कि नई पीढ़ी सम्मोहक और गतिशील है। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी डेमोक्रेट को आगे बढ़ाने के लिए बेहतर रहेगी। वह देश की सेवा अच्छी तरह से करने में सक्षम है।
3- हालांकि, मध्यावधि चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी को मिली जीत के बाद बाइडन का पक्ष और मजबूत हुआ है। बाइडन का ग्राफ ऊपर उठा है। दरअसल, अमेरिका के मध्यावधि चुनाव को ट्रंप और बाइडन के बीच एक जनमत संग्रह के रूप में देखा जा रहा था। उधर, हैरिस ने कहा है कि चुनाव में आए परिणामों से उपराष्ट्रपति के नाते उन्हें बढ़त मिली है। उन्होंने कहा कि बाइडन को इस रेस में नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में वह पार्टी के नामांकन के लिए एक मजबूत चुनौती देंगी।