हल्द्वानी : Unemployment in Uttarakhand: युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के दावे लगातार होते हैं। लेकिन हकीकत इससे काफी अलग है। युवा प्रदेश उत्तराखंड में चार साल के भीतर बेरोजगारों की संख्या में वृद्धि हुई है। वर्ष 2019 से 2022 के बीच प्रदेश में नौकरी खोजने वालों की लाइन में 121379 नए लोग शामिल हो गए हैं।
इस बात की पुष्टि उत्तराखंड सेवायोजन विभाग के आंकड़ों से हुई है। आंकड़ों के अनुसार दिसंबर 2019 में विभाग में 769077 लोगों का पंजीकरण था। लेकिन दिसंबर 2022 में यह संख्या बढ़कर 890456 पहुंच गई। इसमें पुरुष ही नहीं महिला बेरोजगारों की संख्या में भी वृद्धि देखने को मिल है। कोरोना काल के बाद संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है।
मेले बढ़ाए, नौकरी दिलाने की गति सुस्त
सेवा योजन विभाग के आंकड़ों के अनुसार चार साल में प्रदेश के भीतर रोजगार मेलों की संख्या करीब ढाई गुना बढ़ाई गई है। लेकिन मेलों के माध्यम से युवाओं को नौकरी दिलाने की गति सुस्त है।
आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019-20 में प्रदेश में 84 रोजगार मेले आयोजित किए गए थे। इनके माध्यम से 2709 युवाओं का चयन विभिन्न कम्पनियों में हुआ। जबकि वर्ष 2022-23 में आयोजित रोजगार मेलों की संख्या 187 थी और इनमें 3127 युवाओं का चयन हुआ।
प्रदेश में पांच साल में पंजीकृत बेरोजगार
- वर्ष — पुरुष — महिला — कुल
- 2018 — 507398 — 321741 — 829139
- 2019 — 474261 — 294816 — 769077
- 2020 — 489871 — 314840 — 804711
- 2021 — 518960 — 320737 — 839697
- 2022 — 547322 — 343137 — 890456
प्रदेश में पांच वर्षों के भीतर आयोजित रोजगार मेले
- वर्ष — मेले – प्रतिभागी — चयनित
- 2018-19 — 105 — 23827 – 5678
- 2019-20 — 84 — 18983 – 2709
- 2020-21 — 81 — 5806 – 1873
- 2021-22 — 84 — 10033 – 1931
- 2022-23 — 187 — 12277 – 3127
- योग — 541 — 70927 – 15318
प्रदेश में पांच वर्षों के भीतर आयोजित करियर काउंसिलिंग
करियर काउंसिलिंग
- वर्ष — काउंसिलिंग — प्रतिभागी
- 2018-19 — 804 — 43555
- 2019-20 — 825 — 43139
- 2020-21 — 423 — 18257
- 2021-22 — 480 — 21287
- 2022-23 — 480 — 30703
- योग — 18330 — 156941
- (स्रोत: उत्तराखंड सेवा योजन विभाग)
युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। विभाग की ओर से रोजगार मेलों की संख्या बढ़ाई है। इस वर्ष भी अधिक से अधिक मेले प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आयोजन कराने की योजना है।
– हरवीर सिंह, निदेशक, सेवायोजन