- पृथ्वी पर लगभग 71 प्रतिशत भाग में महासागर की उपस्थिति देखने को मिलती है। यह एक इतना बड़ा विशाल जीवन है कि इसमें जानवर और अन्य जीव सहित पौधे भी शामिल हैं। लेकिन आज के बढ़ते आधुनिकदौर में प्रदूषण भी उससे कहीं अधिक तेजी से बढ़ रहा है, जिससे महासागर बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं और उसमें रहने वाले तमाम प्रकार के जीव व पौधे भी प्रभावित हो रहे हैं। महासागरों में बढ़ते इसी प्रदूषण और इससे होने वाले दूरगामी परिणामों को ध्यान में रखकर 1992 में कनाडा की पहल पर अनौपचारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय महासागर दिवस मनाया गया जिसे 2008 में अंतरराष्ट्रीय महासंघ यून से मान्यता मिली जिसका उद्देश्य महासागरों को बचाना था। हर साल 8 जून को विश्व महासागर दिवस मनाने का उद्देश्य मानवों द्वारा किए जा रहे कृत्यों से हो रहे महासागर प्रदूषण को रोकना एवं मानव जीवन में समुद्र से होने वाले लाभों के बारे में जागरूकता फैलाना है।
समुद्र विभिन्न प्रकार के जीवन रक्षक और कैंसर-रोधी दवाएं प्रदान करता है, तो अब हमारी बारी है सतत विकास के लिए समुद्र और समुद्री संसाधनों के संरक्षण की, यह दिन मानवता के लिए महासागर का जश्न मनाने का दिन है।
विश्व महासागर दिवस का क्या है इतिहास
अगर आप अब तक विश्व महासागर दिवस के इतिहास से अंजान हैं तो हम आपको बतादें कि 1992 में रियो डी जनेरियो में पहली बार पृथ्वी शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया था। मनुष्य के जीवन में समुद्र द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका और लोगों द्वारा इसे बचाने में मदद करने के महत्वपूर्ण तरीकों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए इस आयोजन को प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। महासागर में अनेकों जीव अपना जीवन यापन करते हैं और इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस साल का मुख्य फोकस समुद्र के जीवन और आजीविका पर होगा। विश्व महासागर दिवस 2021 की थीम ‘द ओशनः लाइफ एंड लाइवलीहुड’ The Ocean: Life and Livelihoods है।