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WPI Inflation : नवंबर में फिर भड़की महंगाई की आग, एक दशक के उच्‍च स्‍तर पर


नई दिल्ली, : महंगाई ने पहले ही आम लोगों की हालत खराब कर रखी थी। वहीं, मंगलवार को आई रिपोर्ट के अनुसार अब थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति नवंबर में एक दशक के उच्चतम स्तर 14.23 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है, जिसका मुख्य कारण खनिज तेलों, धातुओं, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की कीमतों में भारी बढ़ोतरी है। अप्रैल से शुरू होने के बाद लगातार आठ महीने से थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति डबल डिजिट में बनी हुई है। इस साल अक्टूबर में महंगाई दर 12.54 फीसदी थी, जबकि नवंबर 2020 में यह 2.29 फीसदी थी।

क्या है महंगाई का कारण

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि नवंबर 2021 में मुद्रास्फीति की उच्च दर, मुख्य रूप से पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में खनिज तेलों, मूल धातुओं, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, रसायन और रासायनिक उत्पादों, खाद्य उत्पादों आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है। नवंबर में ईंधन और पावर बास्केट में मुद्रास्फीति बढ़कर 39.81 फीसद हो गई, जबकि अक्टूबर में यह 37.18 फीसद थी। खाद्य सूचकांक पिछले महीने के 3.06 फीसद की तुलना में दोगुने से अधिक बढ़कर 6.70 फीसद हो गया। रिव्यू करने वाले माह में कच्चे पेट्रोलियम की मुद्रास्फीति 91.74 प्रतिशत रही, जबकि अक्टूबर में यह 80.57 प्रतिशत थी। वहीं, मैनूफैक्चर आइटम में अक्टूबर में 12.04 प्रतिशत की तुलना में 11.92 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।