नई दिल्ली, । विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को बुरी तरह से हराया। इस हार के बाद टीम की काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। ऐसे में आर अश्विन को प्लेइंग इलेवन से बाहर रखने पर टीम की काफी निंदा की गई। अब ऐसे में पहली बार अश्विन ने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ से डब्ल्यूटीसी फाइनल में टीम में जगह न मिलने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
डब्ल्यूटीसी में थी मेरी भूमिका-
अश्विन ने कहा कि डब्ल्यूटीसी के फाइनल में खेलना मुझे अच्छा लगता। क्योंकि मैंने वहां पहुंचने में एक अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि पिछले डब्ल्यूटीसी फाइनल में मैंने चार विकेट लेकर अच्छी गेंदबाजी की थी। 2018-19 के बाद से विदेशों में मेरी गेंदबाजी शानदार रही है और मैं टीम के लिए मैच जीतने में कामयाब रहा हूं।
कोच और कप्तान का क्या रहा होगा नजरिया-
अश्विन ने कहा कि अगर मैं एक कप्तान और कोच के नजरिए से देखकर समझने की कोशिश कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि आखिरी बार जब हमने इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज खेली थी तो वह 2-2 से ड्रा रही थी। और इस वक्त टीम को लगा कि इंग्लैंड में मैच जीतने के लिए 4 तेज गेंदबाज और एक स्पिनर का तालमेल बेहतर हैं। इस बीच मुझे लगता है कि डब्ल्यूटीसी फाइनल से पहले भी कोच और कप्तान ने यही सोचा होगा।
तुरंत देते हैं सीनियर खिलाड़ी के मैसेज का जवाब-
आर अश्विन ने आगे कहा कि मैं 36 साल का हूं और ईमानदारी से कहूं तो जो चीज आपको गुस्सा दिलाती है और खुशी देती है वो वक्त के साथ बदल जाता है। उन्होंने कहा कि जब भी कोई सीनियर क्रिकेटर उन्हें मैसेज करते हैं, तो वे तुरंत उसका जवाब देते है। क्योंकि उन्होंने उन्हें युवा के रूप में खेले हुए देखा है।
पहले से पता था नहीं खेलेंगे-
ऑअश्विन ने डब्ल्यूटीसी से बाहर रहने पर सचिन या अन्य दिग्गजों की राय पर कहा कि मुझे खुशी हुई कि उन्होंने सोचा कि मैं खेलने के लिए काफी अच्छा हूं, लेकिन सच्चाई यह है कि न मुझे खेलने का अवसर मिला या विश्व ट्रॉफी। मुझे 48 घंटे पहले पता था कि मैं फाइनल में नहीं खेलूगा। मेरा लक्ष्य यह था कि मैं टीम के अन्य गेंदबाजों की मदद कर सकूं और ट्रॉफी जीतने में टीम की मदद कर सकूं क्योंकि मैंने भी इसमें भूमिका निभाई थी।