नयी दिल्ली। कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया था, उस वक्त ट्रेनें भी बंद कर दी गईं। हालांकि धीरे-धीरे ट्रेनें पटरी पर दौडऩे लगी हैं लेकिन ट्रेन के भीतर मिलने वाली सुविधाओं में कमी कर दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन्स को देखते हुए ट्रेनों में खाना बनाना, एसी बोगियों में कंबल, तकिया और चद्दर की सर्विस बंद कर दी गई। रेल मंत्रालय ने यात्रियों की सुविधा के लिए चुनिंदा स्टेशनों पर ई-कैटरिंग की सुविधा की फिर से शुरू करने का फैसला किया है। इसके लिए रेल मंत्रालय की कंपनी आईआरसीटीसी को रेलवे बोर्ड की तरफ से हरी झंडी मिल गई है। हालांकि अभी भी ट्रेन के पेंट्री कार में भोजन नहीं बनेगा। ट्रेनों में पहले की तरह डिब्बा बंद रेडी टू इट खाद्य पदार्थ ही परोसे जाएंगे। रेलवे ने लॉकडाउन के बाद जब चरणबद्ध तरीके से ट्रेनों का संचालन किया था, उस समय ट्रेनों में लगे पेंट्री कार में फिर से भोजन बनाने का आदेश नहीं दिया था। सिर्फ इतना परमिशन मिला था कि पेंट्री कार में पानी गर्म किया जा सकता है ताकि उसी पानी से ट्रेन के डिब्बे में ही इंस्टेंट चाय-काफी या रेडी टू इट मैटेरियल तैयार किया जा सके। उस समय ई-कैटरिंग सेवा भी शुरू नहीं की गई थी। आईआरसीटीसी की इस सुविधा के माध्यम से यात्री ऑनलाइन ही पसंदीदा खाना ऑर्डर कर सकेंगे। अभी तक तो डिब्बा बंद दाल चावल, उपमा, पोहा आदि जैसे व्यंजन ही ट्रेनों मिल रहे हैं। यह सभी यात्रियों को रास नहीं आता है, क्योंकि लोग ट्रेन में फुल मील खाने के आदि रहे हैं। अब वे चाहें तो तो डोसा सांभर या फिर मुर्ग मलाई या तंदूरी परांठा और शाही पनीर, कुछ भी आर्डर कर सकेंगे। रेल मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार आईआरसीटीसी इसी महीने के अंत तक ई-कैटरिंग सर्विस शुरू कर देगी। अभी भी कोरोना खत्म नहीं हुआ है, इसलिए ई कैटरिंग शुरू करने के लिए रेलवे बोर्ड की तरफ से सख्त दिशा निर्देश मिले हैं। इनमें कामकाज के दौरान कई बार रेस्तरां के कर्मचारियों और डिलीवरी कर्मियों की थर्मल स्कैनिंग, नियमित अंतराल पर रसोई की सफाई, रेस्तरां के कर्मचारियों और डिलीवरी कर्मियों द्वारा सुरक्षात्मक फेस मास्क या फेस शील्ड का उपयोग शामिल है।