कैनबरा, । आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्काट मारिसन ने 21 मई को चुनाव कराने की सिफारिश की है। चीन की आर्थिक दादागीरी, जलवायु परिवर्तन व कोविड-19 महामारी आदि चुनाव के अहम मुद्दे होंगे। मारिसन ने रविवार को आस्ट्रेलिया की राष्ट्राध्यक्ष महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के प्रतिनिधि गवर्नर जनरल डेविड हर्ले से चुनाव की तारीख निर्धारित करने की सिफारिश की। उनके नेतृत्व वाला सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव गठबंधन चौथी बार तीन साल का कार्यकाल हासिल करने के लिए प्रयासरत है। मारिसन ने जनता से कहा, ‘यह चुनाव आपकी जानने व आपके लिए काम कर रही सरकार तथा विपक्षी लेबर पार्टी के बीच है, जिसे आप जानते ही नहीं।’ उन्होंने वर्ष 2019 में हुए पिछले चुनाव में गठबंधन को मामूली अंतर से जीत दिलाई थी। वर्ष 2007 के बाद वह पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया है। लिबरल पार्टी की अगुआई वाला गठबंधन इस बार भी ज्यादातर सर्वेक्षणों में पीछे चल रहा है, लेकिन कई विश्लेषकों ने चुनाव में कांटे की टक्कर का अनुमान जताया है।
मां को मिलने वाली सरकारी पेंशन के भरोसे पले-बढ़े एंथनी अल्बानीस लेबर पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर मारिसन को टक्कर देंगे। अल्बानीस का जन्म 1963 में हुआ था और तब उनकी मां अविवाहित थीं। अल्बानीस लेबर पार्टी की सरकार में मंत्री और उप प्रधानमंत्री रह चुके हैं।
चीन के साथ व्यापारिक संबंध भी इस बार के चुनाव का है एक अहम मुद्दा
पिछली बार जब चुनाव हुआ था, तब आस्ट्रेलिया भीषण गर्मी व सूखे का सामना कर रहा था। दक्षिणपूर्वी जंगलों में भीषण आग लग गई थी और सैकड़ों लोग मारे गए थे। उस समय मारिसन की हवाई में परिवार के साथ छुट्टियां मनाने की काफी आलोचना की हुई थी, क्योंकि उनका गृहनगर सिडनी धुएं की गिरफ्त में था। नवंबर 2021 में स्काटलैंड में आयोजित संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में कार्बन उत्सर्जन में कटौती के लिए अधिक महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय नहीं करने को लेकर भी उनकी काफी आलोचना हुई थी। विपक्ष ने कोविड टीकाकरण की धीमी रफ्तार को लेकर भी सरकार को घेरा है। चीन के साथ व्यापारिक संबंध भी एक अहम मुद्दा है। उसने हाल के वषरें में आस्ट्रेलिया के खिलाफ कई औपचारिक व अनौपचारिक व्यापार प्रतिबंध लगाए हैं।