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- सीएम ने किया पीएमसीएच के पुनर्विकास योजना का शिलान्यास
- 5540 करोड़ की लागत से बनेगा 5462 बेड का विश्वस्तरीय अस्पताल
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(आज समाचार सेवा)
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को ५५४० करोड़ की लागत से ५४६२ बेड वाले विश्वस्तरीय अस्पताल के पुनर्विकास परियोजना का शिलान्यास करते हुए कहा कि मजबूरी में किसी को अब इलाज के लिए बिहार के बाहर नहीं जाना पड़ेगा। ऐसी व्यवस्था यहां किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमे बताया गया है पुनर्विकास का काम सात वर्ष में पूरा होगा, परंतु मेरी इच्छा है कि पांच वर्ष में यह काम पूरा हो जाये। निर्माण कार्य तेजी से हो इसके लिए विशेषज्ञों की कमेटी बनायी जाये और इसका सतत अनुश्रवण करते रहे। हम भी निर्माण का जायजा लेने के लिए बीच-बीच में आते रहेंगे और जरूरी सुझाव देते रहेंगे। किसी प्रकार की जरूरत होने पर सरकार की तरफ से पूरा सहयोग दिया जायेगा। जितने संसाधन की जरूरत होगी सब उपलब्ध कराये जायेंगे। पीएमसीएच का निर्माण कार्य तेजी पूर्ण हो ये हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। पीएमसीएच में लोगों के आवागमन को बेहतर बनाने के लिए इसे गंगा पथ से जोड़ा जा रहा है। अशोक राजपथ से भी एलिवेटेड सडक़ बनाकर इसे जोड़ा जायेगा। हेलीकॉप्टर उतरने की भी व्यवस्था होगी ताकि गंभीर स्थिति वाले मरीजों को यहां लाने में सुविधा हो। यहां गाडिय़ों की पार्किंग की उचित व्यवस्था होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अस्पताल में सभी प्रकार की गंभीर बीमारियों का इलाज होगा और अनुसंधान कार्य भी किये जायेंगे। एनएमसीएच, एसकेएमसीएच और एएनएमसीएच अस्पतालों में भी बेड की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। हमलोगों का उद्देश्य है कि किसी को भी इलाज के लिए बिहार से बाहर नहीं जाना पड़े। उन्होंने कहा कि हमलोगों की सरकार आने के पूर्व राज्य में स्वास्थ्य की क्या स्थिति थी, सभी जानते हैं वर्ष २००६ से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को बेहतर बनाने के लिए काम किया गया। गांव में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखा जा रहा है। अब उनलोगों के लिए नयी तकनीक के माध्यम से कई बीमारियों का इलाज का इंतजाम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लिए हमलोंगों ने कई कदम उठाये। चिकित्सकों एवं चिकित्साकर्मियों ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए एकजूट हो कर काम किया। मैं आप लोगों का इसके लिए अभिनंदन करता हूं। कोरोना संक्रमण के दौरान बचाव को लेकर कई पुराने विशेषज्ञ चिकित्सकों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत होती रही है। वर्ष २००५ में सरकार में आने के बाद पल्स पोलियो टीकाकरण का कार्य अभियान चला कर तेजी से किया गया जिसकी प्रशंसा सभी जगह हुई।
दुनिया में कोरोना से जितने लोगों की मौत हुई उसकी तुलना में अपने देश में मरीजों की मौत कम हुई है। देश में कारोना से मृत्यु दर १.४४ प्रतिशत रही, जबकि बिहार में कोरोना से मृत्यु दर ०.५८ प्रतिशत रही। १० लाख की आबादी पर कोरोना संक्रमण की औसत जांच जितनी देश में हो रही है उससे २२ हजार ज्यादा जांच बिहार में में हो रही है।
प्रधानमंत्री जी को इस बात के लिए धन्यवाद करते हैं और उनका अभिनंदन करते हैं कि अपने देश में कोरोना वैक्सीन का निर्माण किया गया। प्रथम चरण के वैक्सीनेशन का काम पूरे देश में चल रहा है। दूसरे चरण में टीकारण ५० वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों के साथ-साथ ५० वर्ष से कम आयु वाले के गंभीर गबीमारी से पीडि़त लोगों का वैक्सीनेशन कराया जायेगा। लोगों को वैक्सीनेशन नि:शुल्क कराया जा रहा है। बिहार में टीकाकरण की दर पूरे देश में सबसे अधिक है। बिहार में कोरोना संक्रमण बहुत घटा है, लेकिन फिर भी इससे सचेत और सतर्क रहना है।
उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि पीएमसीएच के पुनर्विकास कार्य की शुरूआत हुई है और मेरी इच्छा है कि यह पांच वर्ष में बनकर विश्वस्तरीय स्वरुप में तैयार हो जाये। उन्होने कहा कि हमारा भी छात्र जीवन से ही पीएमसीएच से लगाव रहा है। हम बगल के इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ते थे। श्रद्धेय अटल जी की सरकार से हमलोगों ने इस इंजीनियरिंग कॉलेज को एनआइटी में तब्दील कराया। कॉलेज के दिनों में इस अस्पताल में पढ़ रहे मित्रों से मिलने के लिए पीएमसीएच में आया जाया करते थे। पीएमसीएच का शुरू से अपना विशिष्ट महत्व रहा है। पहले पूर्वी भारत एवं नेपाल के लोग भी यहां इलाज के लिए आते थे।
पीएमसीएच में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में हम आते रहे हैं और उस दिन अनेक डाक्टरों से से बातचीत होती रहती थी। उन्होंने कहा कि मंगल पांडेय जी स्वासक्थ्य मंत्री बने तो पीएमसीएच का पुनर्निमाण कर इसे विश्वस्तरीय बनाने की योजना पर तेजी से काम शुरू हुआ हुआ। इसके लिए एक विशेषज्ञों की कमेटी बनायी गयी। आज के कार्यक्रम में इससे संबंधित प्रजेंटेशन दिया गया। पीएमसीएच किस तरह से विश्वस्तरीय अस्पताल बनेगा। इसका निर्माण तीन चरणों में होगा। निर्माण के दौरान पीएमसीएच का कार्य प्रभावित नहीं होगा। यहां चिकित्सकों, कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं के रहने के लिए आवास का निर्मण भी किया जायेगा।
कार्यक्रम को केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, विधायक अरुण कुमार सिन्हा, नितिन नवीन, स्वास्थ्य के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत एवं पीएमसीएच के प्राचार्य विद्यापति चौधरी ने भी संबोधित किया।
समारोह में मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, पीएमसीएच के अधीक्षक आइएस ठाकुर, ओएसडी गोपाल सिंह, प्रमंडलीय आयुक्त संजय अग्रवाल, बीएसएमआइसीएल के एमडी प्रदीप झा, राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार, अपर सचिव कौशल किशोर, आइजी पटना रेंज संजय सिंह, जिलाधिकारी डा चंद्रशेखर सिंह एसएसपी उपेंद्र शर्मा समेत बड़ी संख्या में चिकित्सक , कर्मी, छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।