पटना

ऐतिहासिक होगा बिहार विधानसभा भवन का शताब्दी समारोह


स्पीकर की अध्यक्षता में बनी संचालन सह प्रबंधन समिति

(आज समाचार सेवा)

पटना। विधानसभाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि बिहार विधानसभा भवन के १०० वर्ष पूरे होने पर शताब्दी समारोह का आयोजन किया जा रहा है। समारोह के मुख्य अतिथि राष्ट्रपति रामनाथ कांविंद होंगे। वे २० अक्तूबर की शाम पटना पहुंचेंगे। वे २१ को मुख्य कार्यक्रम में शामिल होने के बाद दिल्ली लौट जायेंगे। उनके सम्मान में २० अक्तूबर की शाम स्पीकर के आवास पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और रात्रि भोज देंगे।

समारोह के सफल संचालन एवं प्रबंधन के लिए स्पीकर विजय कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है। इसमें उपाध्यक्ष विधानसभा महेश्वर हजारी संयोजक होगें। इनके अलावा उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी, संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, कला संस्कृति एवं युवा मंत्री आलोक रंजन, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, कांग्रेस विधानमंडल दल के सदस्य अजित शर्मा, माले विधायक दल के नेता महबूब आलम सदस्य होंगे।

विधानसभाध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रपति २१ अक्तूबर को स्मृतत स्वरुप शताब्दी स्तंभ का शिलान्यास करेंगे तथा वे वोधि वृक्ष का पौधा लगायेंगे। राष्ट्रपति के सम्मान में स्पीकर के सरकारी आवास पर सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं रात्रि भोज का आयोजन किया गया है।

श्री सिन्हा ने कहा कि बिहार विधानसभा भवन के सौ साल २०२१ में पूरे हो गये। इस दौरान १९२१ से २०२१ के बीच सदन ने कई ऐतिहासिक निर्णय लिया, जिसका साक्षी बिहार विधानसभा का यह भवन रहा है। जन आकांक्षाओं के मूर्तिमान स्वरुप इस विधानसभा भवन का शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। इन भवन डिजाइन प्रख्यात वास्तुविद एएन मिलवुड ने तैयार किया था। इजालवी पुनर्जागरण शैली रेनेसा आर्किटेक्चर में बनी यह इमारत कई मायने में खुबसूरती को समेटे हुए है जो इसे विशिष्ट बनाता है। इसमें सामानुपातिक गणितीय संतुलन के साथ ही सादगी और भव्यता का समन्वय है।

लंबे-लंबे गोलाकार स्तंभ और अर्द्धवृताकार मेहराव इसकी विशिष्टता है। जो प्राचीन रोमन शैली से प्रभावित है। इस आयातकार भवन में समरुपता का विशेष ध्यान रखा गया है। भवन के अगले हिस्से में जो प्लास्टर है, उसमें एक निश्चित अंतराल पर कर्अ मार्क है जो इसे खुबसूरत बनाते हैं और इसे दूसरी संरचनाओं से अलग करता है। विधानसभा का सभा कक्ष अर्द्धगोलाकार शक्ल में बना है। इसकी आंतरिक संरचना ६० फीट लंबी और ५० फीट चौड़ी है। इसका विस्तार इमारत की दोनों मंजिलों में है। सात फरवरी १९२१ ऐतिहासिक दिन है, जिस दिन इस भवन का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। शताब्दी वर्ष समारोह में विधानसभा सदस्यों, पूर्व सदस्यों, विधान परिषद सदस्यों, पूर्व सदस्यों, सांसदों एवं पूर्व सांसद इस समारोह का साक्षी बनेंगे। बिहार विधानसभा न सिर्फ लोकतंत्र का मंदिर है बल्कि हमारी विरारसत और धरोहर है। सात अक्तूबर से मां दुर्गापूजा की  अराघना के लिए कलश स्थापना हो रही है। कार्यक्रम की तैयारी को लेकर दो बैठकें हुई।

पहली बैठक उनकी अध्यक्षता में हुई जिसमें विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह, विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी, उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, कला संस्कृति एवं युचा सचिव वंदना प्रेयसी मौजूद थी, जबकि दूसरी बैठक विधानसभा परिषद सलाहकार समिति की बैठक हुई, जिसमें समारोह के बेहतर कवरेज के लिए समिति सदस्यों से प्राप्त सुझावों पर विमर्श किया गया। इसमें समिति उपाध्यक्ष विनोद वंधु के अलावा निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क कंवल तनुज, सहायक निदेशक रविरंजन सहाय मौजूद थे।