पटना

रूपौली: भौतिक सत्यापन में मनरेगा योजना में लूट की खुली पोल


रूपौली (पूर्णिया)(आससे)। मनरेगा कार्यक्रम के तहत् किए गए मिट्टी भराई कार्य में घोर अनियमितता का खुलासा धूसर टीकापट्टी पंचायत में गठित जांच अधिकारियों के टीम ने स्थल निरीक्षण के दौरान किया। भौतिक निरीक्षण कार्य उप विकास आयुक्त पूर्णियाँ द्वारा गठित जांच टीम में वरीय उप समाहर्ता सह् नोडल पदाधिकारी रूपौली अनुपम, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी नीरज कुमार और सहायक अभियंता मनरेगा पूर्णिया शामिल थे।

भौतिक निरीक्षण के दौरान जांच टीम के अधिकारियों ने धूसर टीकापट्टी पंचायत स्थित निर्माणाधीन पंचायत सरकार भवन पहुंच  बारी बारी से परिवाद दायर किये बीपीएल धारी लाभुकों को बुलाकर उनका बयान कलम बंद किया। जबकि पंचायत के वार्ड  09,10,15 और 17  पहुंच भौतिक निरीक्षण किया। जांच के क्रम में जिन लाभुकों के यहाँ मट्टी भराई का कार्य किया गया था उस जगह को अधिकारियों ने देखा और लाभुक से पूछताछ की। लाभुक नरेश यादव ने अधिकारियों को बताया कि 10 ट्रॉली मिट्टी दिया गया था। साथ ही मिट्टी देने के नाम पर पंद्रह सौ रुपया लिया गया था। अमूमन कम मिट्टी देने की बात और मिट्टी देने के बाद रुपया लेने की बात प्रायः लाभुकों के द्वारा अधिकारियों को बताई गई। वहीं सतन मंडल के यहां जांच के क्रम में बताया गया कि मिट्टी अपने से भरा गया है। जांच के क्रम में कई लाभुकों के यहां मनरेगा से मिट्टी नहीं मिलने की बात लाभुकों के द्वारा बताया गया।

जांच के क्रम में कुछ लाभुक के नाम सत्यापन को लेकर भी अधिकारियों को दिक्कत हो रही थी। बीपीएल कार्ड धारी मीना देवी ने साफ शब्दों में कही कि हमें जब एक टोकरी मिट्टी नसीब नहीं हुआ है तो फिर मेरे नाम से राशि का उठाव कैसे हुआ है। जिस लाभुक का नाम जिस वार्ड में दिया गया था। जांच के क्रम में उनके यहां मिट्टी नहीं मिलने के बाद मौजूद तत्कालीन पीआरएस के द्वारा यह कह कर सफाई दी जा रही थी कि यह लाभुक  नहीं है उसी नाम के लाभुक जो दूसरे जगह पर है के बारे में बताया जा रहा था।

हद तो तब दिखा जब मनरेगा कार्य योजना के उपलब्ध अभिलेख में वार्ड 15 में बीपीएल लाभुक केशव ठाकुर का काफी ढ़ूंढने के बाबजूद अधिकारियों को नहीं चला।सच्चाई तब सामने आई जब स्थानीय वार्ड के ग्रामीणों ने जांच टीम के अधिकारियों को बताया कि धूसर टीकापट्टी पंचायत के वार्ड 15 में इस नाम का कोई भी व्यक्ति निवास ही नहीं करता है। इससे साबित होता है कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ साथ मनरेगा कार्यालय की मिलीभगत से सरकारी राशि का बंदरबांट हुआ है।

वरीय उप समाहर्ता सह नोडल पदाधिकारी रूपौली अनुपम ने बताया कि प्रथम दृष्टया मनरेगा अंतर्गत बीपीएल धारी लाभुकों के यहां मिट्टी भराई कार्य में अनियमितता सामने आ रही है। कुछ लाभुकों के द्वारा मिटटी भराई कार्य को लेकर रुपया भी देने की बात सामने आई है।