नयी दिल्ली (एजेन्सियां)। लंबे समय से टेस्ट टीम से बाहर रहे भारत के चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव का कहना है कि अजिक्य रहाणे और टीम प्रबंधन ने पूरा सहयोग किया है और उन्हें कभी ऐसा नहीं लगा कि वह प्लेइंग इलेवन में नहीं है। कुलदीप यादव को इंगलैंड के खिलाफ पहले दो टेस्ट मैचों के लिए टीम में रखा गया है। हालांकि वह प्लेइंग इलेवन में जगह बना पाते हैं या नहीं इस पर अभी संदेह बरकरार है। कुलदीप ने कहा, रहाणे और टीम प्रबंधन ने मेरे साथ पूरा सहयोग किया और मुझे कभी ऐसा नहीं लगा कि मैं अंतिम एकादश से बाहर हूं। सहायक स्टाफ, कोच रवि शास्त्री और कप्तान सभी मुझ पर करीबी नजर रखते थे। जब आप नहीं खेल रहे होते हैं तो टीम प्रबंधन के लिए उस खिलाड़ी पर ध्यान केंद्रित करना आसान नहीं होता लेकिन उन्होंने ऐसा किया। उन्होंने कहा, जब कोई खिलाड़ी टेस्ट पदार्पण के पहले दिन पहला विकेट लेता तो यह एक अलग तरीके का अनुभव होता है। इस दौरान कई भावनाएं सामने आती है। मेरा सफर भी उस दिन शुरु हुआ और तब से मेरा टीम के कप्तान और कोचों के साथ बेहतर तालमेल रहा है जो मेरे लिए काफी अच्छा है। कुलदीप ने कहा, मैंने अपने पिता से एक चीज सीखी है कि जो चीज आपके नियंत्रण में नहीं हो उसके बारे में ज्यादा सोचना नहीं चाहिए। मेरे पिता ने कहा था कि जाहिर है तुम्हें नहीं खेल पाने का अफसोस होगा लेकिन जब तुम्हें मौका मिले तो अपने प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करो। यह तुम्हारे नियंत्रण में है। हालांकि इसमें कोई शक नहीं है कि यह मेरे लिए काफी कठिन था लेकिन जब टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ २-१ से जीत मिली तो मुझे बाहर बैठने में कोई दिक्कत नहीं हुई। मेरे लिए सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि मैं उस टीम का सदस्य रहा जिसने ऑस्ट्रेलिया में लगातार दो टेस्ट सीरीज जीती। इस गेंदबाज ने कहा, जब कोई खिलाड़ी लगातार क्रिकेट खेलता है तो उसका आत्मविश्वास अपने आप बढ़ जाता है। अगर मैं इंग्लैंड के खिलाफ पहला मुकाबला खेला तो मैं अगले मैच के लिए अच्छी स्थिति में रहूंगा।