नई दिल्ली, । करदाताओं के लिए डीआइएन (Document Identification Number- DIN) की इलेक्ट्रानिक प्रणाली लाने की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने करदाताओं को राज्य कर अधिकारियों की तरफ से भेजी जाने वाली सभी सूचनाओं के लिए एक दस्तावेज पहचान संख्या (डीआइएन) इलेक्ट्रानिक तरीके से जारी करने की व्यवस्था लागू करने की जनहित याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है।
क्या है डीआइएन
डीआइएन सरकार की तरफ से करदाताओं को भेजी जाने वाली सभी तरह की सूचनाओं के साथ अंकित 20 अंक का एक पहचान कोड होता है। न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति बीएन नागरत्न की पीठ ने सोमवार को जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को अपना पक्ष रखने को कहा। इस मामले में वित्त मंत्रालय, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी), जीएसटी परिषद और अन्य से जवाब दाखिल करने को कहा गया है। चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रदीप गोयल ने एक जनहित याचिका दायर कर यह अपील की है कि कर अधिकारियों की तरफ से करदाताओं को सूचनाएं भेजते समय दर्ज होने वाले डीआइएन के लिए एक इलेक्ट्रानिक प्रणाली बनाई जाए। इस याचिका में जीएसटी के बारे में निर्णय लेने वाले निकाय जीएसटी परिषद को सभी राज्यों द्वारा डीआइएन प्रणाली लागू करने के बारे में विचार करने और इस संबंध में नीतिगत निर्णय लेने का निर्देश देने की अपील की गई है। इसके अलावा समूचे देश के लिए केंद्रीकृत डीआइएन प्रणाली लागू करने के संदर्भ में केंद्र सरकार एवं सीबीआइसी को भी निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।