प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी जौनपुर मनीष कुमार वर्मा व अन्य के खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका कार्रवाई करने से पहले सरकारी वकील को जानकारी प्राप्त करने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी जौनपुर पर याची की सेवा नियमित करने के आदेश की अवहेलना करने का आरोप है। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने चंद्र मणि की याचिका पर अधिवक्ता आर एन यादव व अभिषेक यादव को सुनकर दिया है। कोर्ट ने कहा था कि किसी से अनिश्चितकाल तक अस्थाई रूप से स्थायी कार्य नहीं ले सकते। कोर्ट ने सेवा नियमित करने से इंकार करने के आदेश को रद्द कर दिया और नियमित करने पर विचार करने का निर्देश दिया है।
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्डके चुनावकी वैधताको चुनौती मामलेमें जवाब तलब
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चुनाव की वैधता की चुनौती याचिका पर राज्य सरकार व बोर्ड से जवाब मांगा है।और कहा है कि यदि 24मार्च ,21की अधिसूचना के तहत चुनाव करा लिया जाता है तो वह याचिका के निर्णय पर निर्भर करेगा। याचिका की अगली सुनवाई 23अगस्त को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र तथा न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने अल्लामा जमीर नकवी व अन्य की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने जवाबी हलफनामे के जरिए पूछा है कि मतदाता सूची के लिए मुतवल्ली किस आधार पर चयनित किए गए हैं।इससे पहले क्या इनकी वार्षिक आय की आडिट कराती गरी है या नहीं। क्यों कि एक लाख की सालाना आय वाले मुतवल्लियों को ही सदस्य चुनने का अधिकार है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता एस एफ ए नकवी ने बहस की। इनका कहना है कि वक्फ एक्ट के अनुसार वक्फ के वही मुतवल्ली बोर्ड के सदस्य चुनते हैं ,जिनकी वार्षिक आय एक लाख से अधिक हो।जिसके लिए वार्षिक आडिट किया जाना जरूरी है।बिना यह प्रक्रिया पूरी किए चुनाव कराना अवैध है। कोर्ट ने मुद्दा विचारणीय माना और जवाब मांगा है। याची का कहना है कि पिछले दस सालों से वक्फ़ सम्पत्तियों का आडिट नहीं कराया गया है और पुरानी वोटर लिस्ट से मुतवल्ली कोटे का चुनाव कराया जा रहा है। विवादों में घिरे पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी और सैयद फ़ैज़ी मुतवल्ली कोटे से फिर सदस्य चुने गए हैं। ग्यारह चुने हुए और मनोनीत सदस्यों के द्वारा चेयरमैन का चुनाव किया जाता है। इनमें से आठ सदस्यों का चुनाव होता है, जबकि तीन नामित किये जाते हैं ।