काशी हिंदू विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के प्रायोगिक औषधि एवं शल्य अनुसंधान केंद्र तथा सीड डिवीजन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के सहयोग से बुधवार को को चंदौली के बबुरी स्थित श्रीकंठपुर गांव में किसानों को मेडिसिनल प्लांट की खेती के विषय में जानकारी दी गई। कार्यक्रम के मुख्य अन्वेषक डॉक्टर संतोष कुमार सिंह ने कहा कि शतावर एवं जोश जैसे औषधिय पौधों की खेती करने से किसान अपनी आर्थिक उन्नति कर सकते हैं। इसे सिर्फ राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मार्केट से जोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसान वैज्ञानिक प्रयोगशाला एवं उद्योग जगत से जुड़ कर लाभ उठा सकते हैं। तत्पश्चात कृषि विज्ञान संस्थानए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के डॉक्टर वाई बी सिंह ने मृदा सुधार की बाबत कहा कि मिट्टी की जांच कराएं एवं उचित मात्रा में खाद का प्रयोग करें। साथ ही अधिक से अधिक ऑर्गेनिक खाद का प्रयोग करें जिससे आप अपने उत्पाद का अधिक मूल्य प्राप्त कर सकें। कृषि विज्ञान संस्थान, बीएचयू के ही डॉक्टर कल्याण बर्मन ने औषधीय फसल के उत्पाद का परिसंस्करण कैसे करें, इस बाबत चर्चा की और अधिक लाभ उठाने की अपील की। चिकित्सा विज्ञान संस्थान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के डॉक्टर विभव गौतम ने अधिक से अधिक तकनीक का प्रयोग करने पर जोर दिया। चंद्रशेखर मिश्र ने किसानों को औषधीय पौधों से होने वाले लाभ के विषय में बताया एवं सफल किसानों से जुडऩे का आह्वान किया। समग्र ग्राम विकास क्षेत्र प्रमुख चंद्र मोहन ने अपने भारत भ्रमण के दौरान किसान विषयक जो अनुभव प्राप्त किया, उसे किसानों से साझा किया और जैविक खेती करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में लाभार्थियों को प्रशिक्षण किट का वितरण गया ताकि वैज्ञानिक खेती करने में उन्हें सहायता मिले। धन्यवाद ज्ञापन विजय शंकर सिंह ने किया।