बार एंड बेंच की एक खबर के अनुसार पैनल की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘पहली लहर के दौरान भारत सरकार ने लिक्विड ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के साथ-साथ अस्पतालों में और सिलेंडर के जरिए लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) की स्टोरेज कैपसिटी बढ़ाने के लिए कदम उठाए थे. पहली लहर के दौरान उठाए गए कदमों की मदद से निजी क्षेत्र में मैन्यूफैक्चरर्स बढ़ाने के लिए सिस्टम को जल्दी से स्थापित करने में मदद की. इस्पात संयंत्रों में उपलब्ध ऑक्सीजन के उत्पादन और उपयोग को बढ़ाने में मदद की. पिछले साल सितंबर में की गई नीतिगत कार्रवाई के आधार पर इलाज में इस्तेमाल के लिए सिलेंडर, अस्पतालों में उपलब्ध एलएमओ स्टोरेज कैपसिटी का उपयोग,आईएसओ कंटेनरों का आयात किया गया और घरेलू आवाजाही में उनका इस्तेमाल किया गया.’
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