गुवाहाटी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल के दौरान असम और पूर्वोत्तर क्षेत्र शांति और विकास के पथ पर आगे बढ़ा है। उन्होंने कहा कि 70 साल के कांग्रेस के शासन ने पूर्वोत्तर क्षेत्र को हिंसा और अराजकता की ओर धकेल दिया था, जबकि विगत वर्षों के दौरान पीएम मोदी के नेतृत्व ने इस क्षेत्र को मुख्यधारा से जोड़ने में मदद की है।
आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने पर जोर
अमित शाह ने कहा कि एक छात्र कार्यकर्ता के रूप में वह घुसपैठियों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के दौरान कई बार असम आए थे। इस दौरान कई मौकों पर तत्कालीन कांग्रेस के मुख्यमंत्री हितेश्वर सैकिया के निर्देश पर बुरी तरह से पीटा गया था। वह गुवाहाटी में पार्टी के नवनिर्मित राज्य कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हम आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने में विश्वास करते हैं, जिससे सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (AFSPA) जैसे कानूनों की आवश्यकता ही न हो।
पूर्वोत्तर राज्यों में शांति की स्थापना
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी ने घोषणा की थी कि यदि उनकी पार्टी की सरकार सत्ता में आती है तो आफस्पा वापस ले लिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘मैंने कहा था कि सुरक्षा बलों को मजबूत करने की जरूरत है।’ शाह ने कहा कि भाजपा सरकार ने राज्य में शांति स्थापित की है। राज्य में 9 हजार लोगों ने हथियार डाले हैं। प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए बजट को तीन गुना कर दिया है, जिससे सभी क्षेत्रों में ढांचागत विकास संभव हो सका है। 2006 से 2014 के दौरान राज्य में उग्रवादियों की संख्या 8,700 थी, जबकि इस अवधि में हुई हिंसा में 500 सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई।
असम में कई अहम परियोजनाएं
शाह ने कहा कि कांग्रेस के शासन के दौरान इस क्षेत्र की संस्कृति को भी नुकसान हुआ। लेकिन, 2014 से 2022 के बीच प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र के विकास के लिए बहुत काम किया है। पीएम मोदी एक बड़े बरगद के पेड़ की तरह हैं, जिनकी छाया में यह क्षेत्र उनके द्वारा निर्धारित विकास लक्ष्यों को पूरा करने की राह पर है। उन्होंने कहा कि राज्य में कई विकास परियोजनाएं चल रही हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना है। राज्य में एक लाख युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का संकल्प है। उन्होंने कहा, ‘मैं यहां केंद्रीय मंत्री के रूप में नहीं, बल्कि एक पार्टी कार्यकर्ता के रूप में आया हूं।’