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Agnipath Recruitment : युद्धक जहाजों, पनडुब्बियों से लेकर अन्य विभागों में होगी महिला अग्निवीरों की तैनाती, नौसेना ने दी जानकारी


नई दिल्ली। नौसेना में अग्निवीरों की भर्ती के पहले बैच में 20 फीसदी सीटों पर महिलाओं की भर्ती की जाएगी। इतना ही नहीं अग्निवीर के तौर पर भर्ती की गई महिलाओं को नौसेना अपने युद्धक जहाज और पनडुब्बी से लेकर कई अन्य ब्रांचों में तैनाती भी करेगी। अग्निवीर के रुप में भर्ती के लिए वायुसेना और थल सेना के बाद नौसेना में भी बड़ी संख्या में युवा पंजीकरण करा रहे हैं जिसमें महिलाएं भी शामिल और 10 हजार से अधिक महिलाओं ने भर्ती के लिए आवेदन कर दिया है।

पहले बैच में 20 फीसद सीटों पर महिलाओं की भर्ती होगी

नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि अग्निवीर भर्ती के लिए पंजीकरण की रफ्तार अपेक्षाओं के अनुरूप है और महिलाओं की इसमें रूचि दिखाई दे रही है। अग्निवीर के तौर पर पहली बार महिलाओं को सेलर के रूप में भर्ती करने की नौसेना की तैयारी है। इस अधिकारी के मुताबिक नौसेना ने तय किया है कि अग्निवीरों के पहले बैच में 20 फीसद सीटों पर महिलाओं की भर्ती होगी और प्रशिक्षण के बाद इन्हें नौसेना के स्थायी सेलर की तरह युद्धक जहाजों, पनडुब्बियों और अन्य विभागों में तैनात किया जाएगा।

नौसेना पहले साल में करीब 3000 अग्निवीरों की करेगी भर्ती

अग्निपथ स्कीम के तहत नौसेना पहले साल में करीब 3000 अग्निवीरों की भर्ती करेगी और इसमें अधिक संख्या पहले बैच में होगी। नौसेना अग्निवीरों के पहले बैच की ट्रेनिंग नौसेना के चिल्का स्थित बेस में देगी जिसके लिए तैयारियां शुरू हो गई है। इस साल के आखिर तक नौसेना अग्निवीरों के पहले बैच का प्रशिक्षण शुरू कर देगी। थल सेना और वायुसेना में अग्निवीरों का आनलाइन पंजीकरण विंडो अभी जारी है और सितंबर महीने में भर्ती के लिए दौड़ प्रक्रिया की शुरूआत होगी।

अग्निवीर के रुप में चार साल के लिए ही होगी भर्ती

तीनों सेनाओं में सैनिकों के स्तर पर भर्ती अब अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर के रुप में चार साल के लिए ही होगी। चार साल की सेवा के बाद हर बैच के 25 फीसद अग्निवीरों की तीनों सेनाओं में तय प्रक्रिया के हिसाब से स्थाई भर्ती होगी और 75 फीसद अग्निवीर बाहर आकर वैकल्पिक कैरियर का रास्ता चुनेंगे। केंद्र सरकार के कई मंत्रालयों, पीएसयू से लेकर तमाम राज्य सरकारों व कारपोरेट जगत ने अग्निवीरों को चार साल बाद सेना से वापस आने पर अपने संगठनों के रोजगार में वरीयता देने का आश्वासान दिया है।