(ऋषिकेश पाण्डेय)
मऊ।कोरोना महामारी के दौर में एक तरफ जहाँ अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने के लिए वीआईपी की सिफारिशों का सहारा लेना पङ रहा है। येन-केन-प्रकारेण अस्पताल में भर्ती हो जाने पर भी पैसा पानी की तरह बहाना पङ रहा है।चाहे उसके लिए खेत गिरवी रखना पङे,चाहे पत्नी के गहने बंधक।लेकिन,कतिपय अस्पतालों में इलाज तभी हो रहा है।जब पहले ही लाख,पचास हजार जमा न कर दिये जाय।ऐसे में मऊ और गाजीपुर जनपदों की सीमा पर स्थित पुनर्जागरण के शलाका पुरूष और किसान को ही भगवान मानने वाले, दुल्लहपुर रेलवे स्टेशन के पास स्थित स्वामी सहजानंद सरस्वती के गाँव देवां में इंटर कालेज तिरछी के सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य श्री राम अवध पाण्डेय के छोटे पुत्र राजेश कुमार पाण्डेय और उनकी बहू साधना ने कोरोना मरीजों को चंगा करने के बीङा उठाया है।चिकित्सक दम्पती ने हाल ही में खोले 150 बेड के आर एस हास्पीटल में कोरोना मरीजों की सुविधा के लिए आक्सीजनयुक्त बेड और चिकित्सकों की टीम तैयार की है,जिसमें वाराणसी के फेफङा रोग विशेषज्ञ डाक्टर आनंद कुमार पटेल एमडी जैसे चिकित्सक चौबीसों घंटे सेवा देकर न सिर्फ़ मानवता की सच्ची मिसाल पेश कर रहे हैं।बल्कि मरीजों की जान भी बचा रहे हैं।जिससे जान बचाने के इस दौर में यह अस्पताल मरीजों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है।सोशल मीडिया पर इस अस्पताल का एक वीडियो वायरल होने के बाद मऊ और गाजीपुर जनपदों के लोगों में उम्मीद की एक किरण आलोकित हुई है।यही वज़ह है कि दोनों जनपदों के जागरूक लोग यह जानकर कि कोरोना मरीजों को इस अस्पताल में नया जीवन मिल रहा है,इस अस्पताल की सुविधाओं का जायजा लेने के लिए भी पहुंच रहे हैं।जिला प्रशासन ने इस अस्पताल की आधुनिक सुविधाओं को देखते हुए एक सौ पचास बेड के आर एस हास्पीटल को एल टू हास्पीटल की श्रेणी में रखा है।