- मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोविड संकटकाल में कोई भी गरीब बिना राशन के नहीं रहेगा। उन्होंने सहकारिता और खाद्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि नियम शिथिल कर इस संबंध में व्यवस्थाएँ की जायें।
चौहान आज वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा मुख्यमंत्री निवास से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत पात्र परिवारों को नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। वीडियो कॉन्फ्रेंस में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहू लाल सिंह और सहकारिता, लोक सेवा प्रबंधन मंत्री अरविंद भदौरिया भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब व्यक्ति को खाद्यान्न प्राप्त करने में दिक्कत नहीं हो। पात्रता पर्ची, आधार कार्ड एवं अन्य दस्तावेज नहीं होने पर भी उनको अनाज का वितरण किया जाये। उन्होंने खाद्य एवं सहकारिता विभाग के मंत्रियों को इस संबंध में प्रभावी व्यवस्था करने के निर्देश दिये।
चौहान ने कहा कि राशन वितरण के समय उचित मूल्य दुकान पर भीड़ नहीं लगे। कोरोना गाइड लाइन का प्रभावी पालन हो। इसकी प्रभावी व्यवस्था के साथ ही उसकी निगरानी भी की जाये। राशन वितरण के समय सक्षम शासकीय अधिकारी अथवा कर्मचारी को तैनात किया जाये।
चौहान ने कहा कि हितग्राहियों को एस.एम.एस. द्वारा नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण व्यवस्था की सूचना दी जाये। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संकट काल में नि:शुल्क राशन वितरण के उठाव, परिवहन और वितरण चुनौती पूर्ण कार्य है। खाद्यान्न के परिवहन और वितरण पर कड़ी निगरानी रखी जाये।
इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता और कम्युनिकेशन गैप नहीं होना चाहिए। सहकारिता और खाद्य विभाग समन्वय और सामंजस्य के साथ कार्य करें। चौहान ने कहा कि नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण के साथ ही हितग्राही को पी.ओ.एस. मशीन से पावती उपलब्ध कराई जाये। उन्होंने कहा कि वितरण कार्य में गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन गरीब परिवारों द्वारा अप्रैल एवं मई माह का खाद्यान्न राशि का भुगतान कर प्राप्त किया है, उन्हें भी आगामी माह में नि:शुल्क खाद्यान्न प्रदान किया जाये। उनको बताया गया कि ऐसे हितग्राहियों को जुलाई और अगस्त माह में नि:शुल्क अनाज वितरण किया जायेगा। चौहान को बैठक में बताया गया कि 15 मई के पश्चात खाद्यान्न प्राप्त करने से शेष रहे परिवारों को 5 माह का खाद्यान्न एकमुश्त वितरित होगा।