- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि नागरिकता संसोधित कानून (CAA) से किसी मुसलमान को कोई दिक्कत नहीं होगी। अपने दो दिवसीय असम दौरे के दौरान गुवाहाटी में एक कार्यक्रम को बोलते हुए आरएसएस प्रमुख ने ये बयान दिया।
आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा, सीएए किसी भारत के नागरिक के विरुद्ध बनाया हुआ कानून नहीं है। भारत के नागरिक मुसलमान को सीएए से कुछ नुकसान नहीं पहुंचेगा। विभाजन के बाद एक आश्वासन दिया गया कि हम अपने देश के अल्पसंख्यकों की चिंता करेंगे। हम आजतक उसका पालन कर रहे हैं। पाकिस्तान ने नहीं किया।
उन्होंने कहा, 1930 से योजनाबद्ध तरीके से मुस्लमानों की संख्या बढ़ाने के प्रयास हुए, ऐसा विचार था कि जनसंख्या बढ़ाकर अपना वर्चस्व स्थापित करेंगे और फिर इस देश को पाकिस्तान बनाएंगे। ये विचार पंजाब, सिंध, असम और बंगाल के बारे में था, कुछ मात्रा में ये सत्य हुआ, भारत का विखंडन हुआ और पाकिस्तान हो गया। लेकिन जैसा पूरा चाहिए था वैसा नहीं हुआ।
मोहन भागवत ने कहा, सीएए और एनआरसी का हिंदू-मुस्लिम विभाजन से कोई लेना-देना नहीं है, राजनीतिक लाभ के लिए इसे साम्प्रदायिक रूप दिया गया। गौरतलब है कि हाल ही में मोहन भागवत ने बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि सभी भारतीयों का डीएनए (DNA) एक है। उनके इस बयान का उच्च स्तर पर राजनीतिकरण हुआ था।