चंदौली

चंदौली। सड़क में गड्ढे या गड्ढे में सड़क कहना मुश्किल


पड़ाव। सरकार चाहे कितना भी सड़कों के गड्ढा मुक्त होने का दावा करे, लेकिन पड़ाव क्षेत्र की कई प्रमुख सड़कें ऐसी हैं जो बेहद खस्ताहाल हैं। ये सड़कें शासन के दावों की पोल खोल रही हैं। खास बात तो यह है कि गड्ढों में तब्दील हो चुकीं इन सड़कों के निर्माण के लिए प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। जनप्रतिनिधि हो या अधिकारी उनकी गाडिय़ां भी इन्हीं सड़कों में बने गड्ढों से होकर निकलती हैं जबकि योगी सरकार ने सत्ता में आते ही सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का फरमान दिया था। पड़ाव से रामनगर रोड भोजपुर गावँ के समीप जाने वाली सड़क लंबे समय से खस्ताहाल है। कई स्थानों पर तो गड्ढों में सड़क को तलाशना पड़ता है। अक्सर लोग गिरकर घायल भी हो जाते हैं। लोग अनेक बार इसको बनवाने की मांग कर चुके हैं पर उनकी मांग पर कभी गौर नहीं किया गया है। लिहाजा इस सड़क की हालत और भी ज्यादा दयनीय होती जा रही है। कुछ महीने पूर्व इन्ही गढ्ढों के कारण एक व्यक्ति दो पहिया वाहन लेकर फिसल जाने के कारण मौत भी हो चुकी है। उसके बाद भी प्रशासन ने सुध नही ली। दिन में तो जैसे तैसे लोग गढ्ढा युक्त सड़क को पार कर लेते है पर रात के समय जान हथेली पर रख लोग इस रास्ते से गुजरते है। इन सड़कों पर एक से दो फिट का गढ्ढा बना हुआ है जो कभी भी बड़ी दुर्घटना घटने की संभावना बनी रहती है। इन सड़कों पर पैदल आने जाने वालो का पर हर समय आवागमन रहता है। इस सड़क पर कई बड़े.बड़े गड्ढे हैं जो हर किसी के लिए मुसीबत बने हुए हैं। यदि विकास के पोल खोलने का जायजा लेना होना है तो पड़ाव क्षेत्र के किसी भी गांव में घूमकर लिये जा सकते हैं। जबकि चुनाव में विकास ही मुद्दा बना रहता है। एक गांव को विधायक ने भी गांव गोद लिये जाने के अभियान में लिया था। लेकिन वहां की स्थिति भी नारकीय बनी हुई है। लोगों का कहना है कि चुनाव के दौरान लोगों को विकास ही पटल पर रखना चाहिए। तभी संभवत: विकास को पंख लग सकता है। ग्रामीणों ने चंदौली के सांसद, केन्द्रीय मंत्री, विधायक, बीडीओ का ध्यान आकृष्ट कराते हुए गांवों के समस्याओं के निराकरण की मांग किया है।