चहनियां। गंगा दशहरा पर रविवार को सैकड़ो श्रद्धालुओं ने बलुआ स्थित पश्चिम वाहिनी गंगा तट पर आस्था की डुबकी लगायी। भोर से ही आस्थावानों की भीड़ लगी रही। खराब मौसम सोमवार को भीमसेनी एकादशी व महामारी के कारण इस बार गंगा दशहरा पर भीड़ कम नजर आया। बंदी के बाद भी बाजारों में चहल पहल रही। आमों की बिक्री जमकर हुई। गंगा दशहरा पर गंगा स्नान व दान का बहुत बड़ा महत्व है। ऐसा माना जाता है कि आज ही के दिन धरती पर गंगा अवतरित हुई थी। आज के दिन स्नान दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है । इस परंपरा का निर्वहन करते हुए सैकड़ो श्रद्धालुओं ने रविवार को बलुआ स्थित पश्चिम वाहिनी मोक्षदायिनी गंगा तट पर आस्था की डुबकी लगाई। वहीं भिक्षुओं व ब्राम्हणों को दान दिया। हर वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष खराब मौसम व महामारी के कारण भीड़ कम रही । पिछले वर्ष गंगा दशहरा पर काफी भीड़ थी। गंगा दशहरा के ठीक अगले दिन सोमवार को भीम सेनी एकादशी के कारण स्नानार्थियों की संख्या बंट गयी। जबकि पिछले वर्ष गंगा दशहरा व एकादशी दोनों अवसरों पर काफी भीड़ थी। शनिवार व रविवार की बंदी के बाद भी ज्यादातर लोग बाजार खुले रखे थे। बाजारों में काफी चहल पहल रही। लोगों ने दशहरी आम की खरीदारी जमकर किया।