चहनियां। क्षेत्र के गंगा परिक्षेत्र में भारी मात्रा में राष्ट्रीय जलीय जीव डॉल्फिन मछली दिखने को मिल रही है। बलुआ बाल्मीकि कुंड से लेकर टाण्डाकला तक ये मछलियां अंगड़ाईया लेते हुए दिख रही है। जो पानी के वातावरण को शुद्ध करने में सहायक होती है। वन विभाग के रेंजर ने इसे गंगा जल शुद्धिकरण के लिए शुभ संकेत माना है। गंगा में इधर कुछ दिनों से राष्ट्रीय जलीय जीव डॉल्फिन मछलियां भी दिखने को मिल रही है। जिनका वजन एक कुन्तल से दो कुन्तल तक है। जो बाल्मीकि कुण्ड बलुआ से लेकर महुअर, हरधन जुड़ा बिजयी के पूरा, गणेश पूरा, सोनबरसा व टाण्डाकला घाट तक भारी मात्रा में दिखने को मिल रही है। डॉल्फिन मछली ज्यादा मात्रा में दिखने की सूचना पर पहुँचे वन विभाग के रेंजर खलीक अहमद ने आकलन किया। गंगा सेवा समिति के अध्यक्ष दीपक जायसवाल ने बताया कि हमलोग गंगा के वातावरण को शुद्ध करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे है। किन्तु इतनी ज्यादा मात्रा में डॉल्फिन मछली हमलोगों के योजना में सहायक सिद्ध होंगे। डॉल्फिन गंगा में तो 10 वर्ष से है किंतु छोटी छोटी ही दिखने को मिलती थी। रेंजर खलीक अहमद ने बताया कि डॉल्फिन मछली क्षेत्र के गंगा नदी में कभी कभार एकाक दिख जाती थी। किन्तु इन दिनों ज्यादा मात्रा में मछली दिखने को मिल रही है । इन्हें राष्ट्रीय जलीय जीव का दर्जा दिया गया है । ये जहां ज्यादा मात्रा में रहती वहाँ का पानी शुद्ध हो जाता है । ये खुशी की बात है कि क्षेत्र में बड़ी-बड़ी डॉल्फिन मछलियां मिल रही है। बुधवार को नमामि गंगे योजना के अंतर्गत पर्यटक टीम सर्वे करने आ रही है।