चंदौली। मिशन शक्ति अभियान से प्रदेश की महिलाओं को आत्मनिर्भरता के लिए बल मिला है। नारी शक्ति ने हिम्मत और साहस के साथ देश की रक्षा और सुरक्षा के लिए पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपने कर्तव्यों का पालन किया है। कुछ ऐसा ही कार्य रहा डॉ अंशुल सिंह का। जिन्होने कोरोना के संकट में गांव से शहर तक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की। इसके लिए उन्हें मिशन शक्ति अवार्ड से सम्मानित भी किया गया। जनपद में डा० अंशुल सिंह ब्लॉक को मिशन शक्ति अवार्ड से सम्मानित किया गया। डॉ अंशुल चकिया पर 12 साल से ग्रामीणों का स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करा रही हैं। बताया कि वह अपने कर्तव्य के प्रति गौरवान्वित महसूस कर रही हैं। महिलाएं और बेटी कभी अपने आपको कमजोर न समझें। महिला शक्ति की वह धुरी है जिस पर सारी दुनिया घूम रही हैं। यह कोई जरूरी ही नहीं, बाहर निकलकर नौकरी ही करें। अगर घरेलू महिला है तो भी वह आत्मनिर्भर बन समाज के लिए कुछ बेहतर कर सकती हैं। 2009 में पीएचसी चकिया पर ड्यूटी जॉइन की। बताती हैं कि पढ़ाई और नौकरी के दौरान मुझे बहुत ज्यादा रुकावट का सामना नहीं करना पड़ा, परिवार ने हमेशा सहयोग किया है और काम करने के लिए हर कदम पर मेरी ताकत बनकर खड़े रहे। उन्होंने नर्सिंग स्टाफ के साथ कोविड.19 दौरान बहुत से मरीज देखें और कितनों की सकुशल डिलीवरी भी करायी। इसी दौरान वह कोरोना की पहली लहर के चपेट में आ गई थी। उस दौरान फोन के माध्यम से लोगों से जुड़ी रही। उन्हें स्वास्थ्य संबंधी सलाह देती रही।