चंदौली

चदौली।शुभ कार्य से पूर्व कालेश्वर मंदिर में क्षेत्रवासी लगाते हैं हाजिरी


सकलडीहा। स्वंय भू कॉलेश्वर महादेव के दर्शन के बाद सकलडीहा कस्बा के शिव मंदिर पर भक्तों का रेला लगा रहता है। मान्यता है कि कोई भी शुभ कार्य करने से पूर्व सकलडीहा कस्बा के शिव मंदिर पर क्षेत्रवासी हाजिरी लगाते है। यहां आने वाले हर लोगों की मुराद पूरी होती है। वर्ष 1800 के करीब राजस्थान के अलवर जिले से राजपूताना काफिला सकलडीहा कोट में ठहरा था। बनारस स्टेट के बाबू बखत सिंह सेनापति हुआ करते थे। एक दिन स्वप्न में स्वयंभू कालेश्वर महादेव का दर्शन होने के बाद चतुर्भुजपुर बरठी गांव के समीप मंदिर का खोदाई कराया। जमीन के अंदर से भगवान भेाले शंकर की शिवलिंग दिखाई पड़ी। इसके बाद सेनापति बाबू बखत सिंह ने स्वंय भू कॉलेश्वर महादेव मंदिर और कॉलेश्वर सरोवर का निर्माण कराया था। इसके अलावा चार शिव मंदिर व सरोवर सकलडीहा, धरहरा, जमनिया हरपुर में कराया था। मान्यता है कि शुभ कार्य करने से पूर्व क्षेत्रवासी सबसे पहले शिव मंदिर में हाजिरी लगाते है। सावन माह और शिव रात्रि पर कॉलेश्वर महादेव के बाद सकलडीहा शिव मंदिर पर लोग मत्था टेकने के लिये भक्तों का रेला लगा रहता है। पुजारी जगरन्नाथ चौबे और अशोक मिश्रा ने बताया कि यहा आने वाले की हर मुराद पुरी होती है।