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- जनवरी माह से ही दिया जाना था बढ़ा हुआ वेतन
- कार्य में लापरवाही बरतने पर निदेशक ने मांगा स्पष्टीकरण
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जहानाबाद। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा शिक्षकों को भुगतना पड़ता है। मामला चाहे शिक्षकों के वेतन भुगतान का हो या उनके बकाये एरियर के भुगतान का, अधिकारियों की लेटलतीफी के कारण शिक्षकों को हमेशा आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ता है। कुछ ऐसा ही मामला एक बार फिर से जिले में देखने को मिल रहा है। दरअसल, सरकार के निर्देश के आलोक में जिले के 4000 से अधिक शिक्षकों को जनवरी माह का वेतन 15% बढ़ोतरी के साथ देना था परंतु फरवरी माह बीत जाने के बाद भी अब तक पे फिक्सेशन का कार्य पूर्ण नहीं हो सका है, जिससे शिक्षकों को दो माह से वेतन भुगतान नही हो पाया है।
निदेशक ने अधिकारियों से तीन दिनों के अंदर मांगा जवाब
वेतन बढ़ोतरी को लेकर किये जाने वाले फिक्सेशन में हो रही देरी पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने जिले के विभागीय अधिकारियों से स्पष्टीकरण की मांग की है। निदेशक ने स्पष्टीकरण पत्र के माध्यम से कहा है कि 27 जनवरी से जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना के द्वारा डिजिटल हस्ताक्षर कर ऑनलाइन फॉर्मेट में वेतन पर्ची मुद्रित किये जाने का निर्देश दिया गया था। लेकिन जिले में वेतन पुर्जा निर्गत करने की कार्रवाई नगण्य है, जो कि आपके स्वेच्छाधारिता, कार्य के प्रति उदासीनता एवं विभागीय आदेशों की अनदेखी को दर्शाता है।
निदेशक ने तीन दिनों के अंदर कार्य के प्रति उदासीनता व विभागीय आदेशों के अनुपालन में शिथिलता बरतने एवं शिक्षकों के वेतन अवरुद्ध रहने के कारण अनुशासनिक कार्रवाई करने को लेकर स्पष्टीकरण की मांग की है। बहरहाल, अब देखना यह है कि निदेशक के स्पष्टीकरण के बाद वेतन बढ़ोतरी को लेकर कछुए की चाल से हो रहे कार्य को गति मिलती है या शिक्षकों को होली जैसे महान पर्व में भी वेतन के लाले पड़ते हैं।