नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के अंदर गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। जातिगत जनगणना के मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनकी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता ने आईना दिखाया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने जातिगत जनगणना के मुद्दे पर पार्टी नेताओं को खरी-खरी सुनाई है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लंबी चिट्ठी भी लिखी है।
आनंद शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय जाति जनगणना, चुनावी बहस में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनकर उभरा है। कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडी गठबंधन ने इसका समर्थन किया है। गठबंधन में वे दल भी शामिल हैं जिन्होंने लंबे समय से जाति आधारित राजनीति की है। हालांकि, सामाजिक न्याय पर कांग्रेस की नीति भारतीय समाज की जटिलताओं की परिपक्व और सूचित समझ पर आधारित है।
जाति भारतीय समाज की एक वास्तविकता है। कांग्रेस कभी भी पहचान की राजनीति में शामिल नहीं हुई है और न ही इसका समर्थन करती है। यह क्षेत्र, धर्म, जाति और जातीयता की समृद्ध विविधता वाले समाज में लोकतंत्र के लिए हानिकारक है।
राहुल गांधी को याद दिलाया इंदिरा गांधी का नारा
आनंद शर्मा ने इंदिरा गांधी का जिक्र भी किया। उन्होंने इंदिरा गांधी के नारे को याद दिलाते हुए कहा कि तब कहा जाता था, ‘ना जात पर, न पात पर, मोहर लगेगी हाथ पर।’ 1990 में दंगों के बाद राजीव गांधी ने लोकसभा में अपने ऐतिहासिक भाषण में कहा था कि अगर हमारे देश में जातिवाद को स्थापित करने के लिए जाति को परिभाषित किया जाता है तो हमें समस्या है। अगर संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में जातिवाद को एक विषय बनाया जाएगा तो हमें समस्या होगी। ऐसे में कांग्रेस खड़े होकर इस देश को विभाजित होते हुए नहीं देख सकती।
इंदिरा और राजीव गांधी की विरासत का अनादर
आनंद शर्मा ने इसे इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की विरासत का अनादर करना बताया है। उन्होंने कहा कि ऐसे मुद्दों से कांग्रेस के विरोधियों को मदद मिल सकती है। मेरे विचार में जाति जनगणना न तो रामबाण हो सकती है और न ही बेरोजगारी और प्रचलित असमानताओं का समाधान हो सकती है।