पटना

जाले: नोडल अधिकारी ने की जलवायु अनुकूल कृषि कार्यो की समीक्षा


जाले (दरभंगा)(आससे)। कृषि विज्ञान केंद्रों के नोडल पदाधिकारी डॉ. बृजेश शाही ने मंगलवार को कृषि विज्ञान केंद्र के कार्यों एवं जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम की समीक्षा किया एवम प्रक्षेत्र भ्रमण के दौरान  केंद्र में लगे विभिन्न प्रदर्शनी इकाई पोली हाउस, नेट हाउस, मसाला यूनिट, पोषण इकाई, बीज उत्पादन, बागवानी आदि को देखा।

निरीक्षण के क्रम में डॉ. शाही ने उपस्थित कृषि वैज्ञानिकों को कई आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने केंद्र में चल रहे जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के प्रदर्शन यूनिट जीरो ट्रिलेज विधि का गेहूँ, पारंपरिक गेहूँ, जीरो ट्रिलेज मक्का, आलू की उन्नत खेती, सरसों एवं मसूर की पक्तिबंद्ध बुआई आदि विभिन्न पद्धतियों का अवलोकन किया एवम वैज्ञानिकों को इसे दिखाने एवं लाभ का अध्ययन करने के लिए दिशा निर्देश दिया।

इस दौरान उन्होंने केंद्र में चल रहे उर्वरक अनुज्ञप्ति का 15 दिवसीय प्रशिक्षण में प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न फसलों में उर्वरक प्रबंधन एवं उर्वरक के उपयोग क्षमता बढ़ाने के लिए जरूरी उपाय बताएं। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय विश्वविद्यालय पूसा के स्नातकोत्तर विभाग मृदा विज्ञान के अध्यक्ष डॉ. रंजन लायक के द्वारा भी प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित किया गया।

डॉ.लायक ने जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर संरक्षण खेती की आवश्यकता पर बल देते हुए इससे होने वाले लाभ जैसे बीज की वजह पानी की बचत, खरपतवार का कम होना जैसे समस्या के निदान व उत्पादन लागत में कमी, समय पर फसलों की बुआई, संसाधन संरक्षण एवं कृषकों की आय दोगुना करने में कारगर उपायों को बताया।

मौके पर केंद्र के पौधा संरक्षक वैज्ञानिक डॉ. आरपी प्रसाद, मृदा वैज्ञानिक डॉ. आनंद प्रसाद राकेश, गृह वैज्ञानिक डॉ. सीमा प्रधान, उद्यान वैज्ञानिक सुश्री कुमारी अंबा, डॉ.चंदन कुमार, अभय रंजन, अमरंजय कुमार आदि मौजूद थे।