गांधी संग्रहालय और महिला चरखा समिति को मिलेगा कॉर्पस फंड
(आज समाचार सेवा)
पटना। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने कहा है कि जेपी सेनानी सम्मान योजना की राशि डेढ गुणा की जायेगी। इसके अतिरिक्त सेनानी की मृत्यु होन के बाद उनकी विधवा को यह सम्मान राशि दी जायेगी। गांधी संग्रहालय और चरखा समिति को अतिरिक्त कॉरपस फंड दिया जायेगा। सोमवार को लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जीवन पर आधारित पुस्तक ‘द ड्रीम ऑफ रेवोल्यूशन’ का लोकार्पण समारोह में बोल रहे थे।
गांधी संग्रहालय स्थित सत्याग्रह शताब्दी स्मृति मंडप में आयोजित लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। गांधीवादी विचारक श्री रजी अहमद ने मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। लोकनायक जयप्रकाश नारायण के सहयोगी रहे प्रो. विमल प्रसाद ने ‘द ड्रीम ऑफ रेवोल्यूशन’ बायोग्राफी ऑफ जयप्रकाश नारायण पुस्तक के लेखन की शुरुआत की थी लेकिन उनके निधन के बाद पुस्तक अधूरी रह गयी थी। उनकी सुपुत्री श्रीमती सुजाता प्रसाद ने इस पुस्तक के लेखन का कार्य पूर्ण किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिए नई पीढ़ी के लोगों को बापू, लोहिया और जेपी के विचारों से अवगत कराना बेहद जरूरी है, इसके लिए हरसंभव कोशिश होनी चाहिए। हमलोगों ने 18 जनवरी 2018 को जेपी के गाँव में लोकनायक जयप्रकाश नारायण स्मृति भवन सह पुस्तकालय का निर्माण कराया। वह देखने लायक है और राज्य सरकार का यह दायित्व है कि उसे ठीक रखे।
लोकनायक जयप्रकाश नारायण स्मृति भवन सह पुस्तकालय में लोकनायक के जीवन और सम्पूर्ण क्रांति से संबंधित 500 मूल छायाप्रति, 800 पुस्तकों का संग्रह और विभिन्न संस्थाओं द्वारा बनाई गयी फिल्म की 28 सी.डी. का संग्रह उपलब्ध है। हमलोग इस पुस्तक को भी वहां रखवायेंगे। जेपी के नाम को कभी हमलोग भूल नहीं सकते हैं। जेपी सेतु का निर्माण कराया गया है और अब जे.पी. गंगा पथ भी बन रहा है ताकि आवागमन मे लोगों को असुविधा न हो।
उन्होंने कहा कि हमलोगों ने वर्ष 2009 में जेपी सेनानी सम्मान योजना की शुरुआत की। इसके अंतर्गत जेपी मूवमेंट के दौरान एक माह से छह माह तक जेल में रहने वाले को पांच हजार रूपये प्रतिमाह और छह माह से अधिक समय तक जेल में रहने वाले लोगों को दस हजार रूपय की सम्मान राशि दिये जाते हैं। अब हमलोगों ने इसमें डेढ़ गुना वृद्धि करने का निर्णय लिया है।
इस बढ़ोत्तरी के बाद अब एक से छह माह तक जेल में रहने वाले जेपी सेनानियों को साढ़े सात हजार रूपये प्रतिमाह, जबकि छह माह से अधिक समय तक जेल में रहने वाले लोगों को प्रतिमाह पन्द्रह हजार रूपये सम्मान राशि दी जायेगी। जेपी सेनानी सम्मान योजना की यह राशि पति के निधन के पश्चात उनकी पत्नी को भी मिलेगी। 5 जून 1974 को जे.पी. ने सम्पूर्ण क्रांति का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह सम्पूर्ण क्रांति लोहिया जी की सप्तक्रांति की तरह थी। श्रद्देय अटल बिहारी बाजपेयी जी की सरकार में रेल मंत्री रहते हमने पटना से दिल्ली के लिए सम्पूर्ण क्रांति ट्रेन की शुरुआत कराई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला चरखा समिति, कदमकुआं का विस्तार करने के लिए 3 करोड़ का कॉर्पस फंड दिया गया था, जिसे बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। महिला चरखा समिति, कदमकुआं जेपी का निवास स्थल रहा है, जहाँ वे मीटिंग किया करते थे। उन्होंने मुझे अपने शयनकक्ष तक आने की अनुमति दी थी। जब तक जीवन है उनके प्रति हमारी प्रतिबद्धता रहेगी।
उन्होंने कहा कि गांधी संग्रहालय के विकास के लिए 2 करोड़ रूपये का कॉर्पस फंड दिया गया था। इसके अतिरिक्त भी 3 करोड़ रूपये का कॉर्पस फंड दिया जाएगा ताकि कोई असुविधा न हो। नई पीढ़ी के लोगों को बापू, लोहिया और जे.पी. के विचारों को जानना चाहिए तभी समाज में प्रेम और भाईचारे का भाव कायम रहेगा। समारोह को गांधीवादी विचारक डॉ. रजी अहमद, लेखिका श्रीमती सुजाता प्रसाद एवं हृदय रोग विशेषज्ञ सह नवरंग के संस्थापक डॉ अजीत प्रधान ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के परामर्शी अंजनी कुमार सिंह, सांसद श्री रविशंकर प्रसाद, सांसद श्री राजीव प्रताप रूडी, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री प्रत्यय अमृत, प्रधान सचिव खान एवं भूतत्व श्रीमती हरजोत कौर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, सचिव कला, संस्कृति एवं युवा श्रीमती वंदना प्रेयसी, जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक श्री उपेन्द्र शर्मा, गांधी संग्रहालय के संयुक्त सचिव श्री आशिफ वसी सहित वरीय अधिकारीगण एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।