पटना

टीका लेने के लिए पहुंचे युवाओं के बीच मोटिवेटर के रोल में दिखे नालंदा डीएम


      • हरनौत एवं रहुई के अस्पतालों में युवाओं से मिलकर टीकाकरण में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए किया प्रेरित
      • डीएम ने किया सवाल तो जवाब आया घर की युवतियां और महिलाएं नहीं निकलती घर से ऐसे में उन्हें वैक्सीन की क्या जरूरत?

बिहारशरीफ (आससे)। सोमवार को चिलचिलाती धूप के बीच प्रखंडों के अस्पतालों में युवाओं की लंबी कतार थी। लोग पहुंचे थे कोविड वैक्सीन लेने के लिए। रविवार से ही 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के युवाओं को कोविड वैक्सीन लगना शुरू हुआ है, जिसकी प्रगति जिले में काफी बेहतर है। युवाओं में टीकाकरण के प्रति जबरदस्त उत्साह है।

जिले में टीकाकरण की स्थिति कैसी चल रही है इसे जानने के लिए जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह स्वयं निकल पड़े प्रखंडों के अस्पताल देखने। इस क्रम में वे हरनौत एवं रहुई के अस्पतालों का जायजा लिया और टीकाकरण के लिए कतार में लगे लोगों से बातचीत की। वैक्सीनेशन सेंटर में बैठे युवाओं से डीएम ने जानना चाहा कि उनके घर के और सदस्य वैक्सीन लिये है या नहीं। इस क्रम में जिलाधिकारी को कई अहम जानकारी मिली,  जिसके बाद उन्होंने युवाओं का उत्साहवर्धन करते हुए टीकाकरण में सक्रिय भूमिका अदा करने के लिए प्रेरित किया।

जिलाधिकारी द्वारा पूछे गये सवाल के जवाब में अधिकांश युवक यह बता रहे थे कि गांव में उनके घरों में उनके बुजुर्ग मां-बाप, चाचा-चाची, दादा-दादी जैसे लोग टीका ले चुके है, लेकिन जैसे ही जिलाधिकारी ने अगला सवाल किया कि घर में आपकी बहन, पत्नी और भाभियां होंगी उनलोगों का टीकाकरण करवाये हैं या नहीं? इस पर अधिकांश लोगों का जवाब था कि वो लोग घर में रहती है सुरक्षित है इसलिए टीका नहीं दिलाये है। इसपर जिलाधिकारी ने लोगों को बताया कि जबतक हर लोग वैक्सीन नहीं ले लेते तब तक कोविड से मुक्ति नहीं मिलेगी।

आपलोग आगे बढ़े घर की महिलाओं और युवतियों को निबंधित कराये या फिर निकटतम सेंटर पर ले जाकर टीका जरूर दिलाये। जिलाधिकारी को युवाओं से ऐसे हीं जवाब रहुई और हरनौत दोनों जगह मिली। हालांकि जिलाधिकारी के समझाने का असर भी दिखा। युवा यह कहते दिखे कि वे लोग अपने घरों की युवतियों और महिलाओं को भी टीका लगवायेंगे। इसके लिए कल से ही पहल तेज करेंगे।