पटना: बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 पारित कराने के दौरान विधानसभा सभा में विपक्ष के विधायकों के साथ की गई मारपीट और बदसलूकी को नेता प्रतिपक्ष भूलने को तैयार हैं. विधायकों के अपमान से नाराज तेजस्वी यादव ने सोमवार को बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को साक्ष्यों के साथ पत्र लिख कर दोषी अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग की है.
लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग कर विरोध कर रहे थे विधायक
तेजस्वी की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है, ” नीतीश सरकार द्वारा राज्य की जनता पर ‘बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक-2021’ थोपने के दौरान विपक्ष के विधायकों के साथ जो व्यवहार किया गया, उसे सामान्य लोकतांत्रिक घटना नहीं माना जा सकता. विपक्ष के निहत्थे सदस्यगण शांतिपूर्ण ढंग से धरना-प्रदर्शन करते हुए अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग कर विरोध कर रहे थे. लेकिन सरकार के इशारे पर पुलिस प्रशासन ने जो हरकत की, वह विधेयक पारित होने के बाद के खतरे की एक झांकी भर है.”
कई विधायक अस्पतालों में हैं इलाजरत
पत्र में लिखा गया कि 23 मार्च को बिहार विधानसभा के अन्दर घटी घटना ने बिहार विधानसभा की मर्यादा को तार-तार कर दिया. सत्ताधारी पार्टी के सदस्यों को छोड़, सभी सदस्यों को मुख्यमंत्री के इशारे पर पीटा गया, जिसमें कई सदस्य गम्भीर रूप से घायल हो गए. कई विधायक पीएमसीएच सहित अन्य निजी अस्पतालों में इलाजरत हैं. वहीं, महिला विधायकों के साथ जो अवर्णनीय दुर्व्यवहार किया गया, उसने तो लोकतंत्र की सारी स्थापित मर्यादाओं को तार-तार कर दिया जोकि संसदीय लोकतंत्र में न तो कहीं देखा गया और न ही कहीं सुना गया.”
तेजस्वी ने कहा कि उस दिन सदन में जो घटना घटी, वह सिर्फ विपक्ष ही नहीं बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हमला था. सदन में बाहर से आए पुलिस बिल्कुल अराजक गुण्डे की तरह बिना कोई चेतावनी दिए मारपीट और उठा-पटक कर रहे थे. जिन विधायकों के साथ मारपीट की गई, वो राज्य के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों से करोड़ों-करोड़ जनता द्वारा निर्वाचित हैं. ऐसे में यह हमला सिर्फ माननीय सदस्यों पर ही नहीं बल्कि राज्य की करोड़ों जनता सहित लोकतंत्र के मंदिर पर किया गया हमला है.”





