नई दिल्ली, : नए वित्त वर्ष 24 के पहले महीने अप्रैल 2023 में भारतीय करेंसी ‘रुपया’ दुनिया में दूसरी सबसे तेजी से उभरती हुई मुद्रा बन गई है। यहां उभरती हुई मुद्रा का मतलब वैसी मुद्रा जो वैश्विक बाजारों में अपनी पहचान और जगह बना रही है।
अप्रैल में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया, 0.41 प्रतिशत मजबूत हुआ है। वहीं पहले स्थान पर इंडोनेशियाई की करेंसी ‘रुपिया’ रही है। इंडोनेशियाई रुपिया डालर के मुकाबले करीब 2 प्रतिशत मजबूत होकर लिस्ट में टॉप पर रही।
क्यों मजबूत हुआ रुपया ?
पिछले महीने तेजी से उभरते करेंसी की लिस्ट में रुपया के होने का कारण देश में मजबूत वित्तीय गतिविधियों के संचयी प्रभाव और तेल की कीमतों में गिरावट होना शामिल है। इसके अलावा शेयर बाजारों में एफआईआई की लगातार खरीदारी रुपये में रिकवरी का एक और कारण है।
साल 2022 में रुपये के मूल्य में 10 फीसदी की कमी के बाद, 2023 में अब तक रुपया डॉलर के मुकाबले 81.84 पर स्थिर है। कैपिटल ऑउटफ्लो को लेकर जारी अनिश्चितता के बावजूद 2023 में अब तक रुपया काफी स्थिर रहा है।
कच्चे तेल की कीमत में गिरावट से रुपए को मिला सपोर्ट
वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गई है जिसके वजह से भारतीय करेंसी रुपया में मजबूती आई है। दूसरी ओर पिछले महीने अप्रैल में अमेरिकी डॉलर सूचकांक कमजोर हुआ।
एफपीआई अप्रैल में बने खरीदार
इस साल के शुरुआती तीन महीनों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों में जमकर बिकवाली की थी लेकिन उसके बाद अप्रैल में उन्होंने दोबारा भारतीय बाजारों में भरोसा दिखाते हुए खरीदारी की अप्रैल में भारतीय इक्विटी बाजारों में एफपीआई ने 11,630 करोड़ रुपये का निवेश किया।
और मजबूत हो सकता है रुपया
आपको बता दें कि आने वाले दिनों में आप भारतीय करेंसी रुपया को दुनिया में उभरते करेंसी की लिस्ट में पहले स्थान पर देंखें। देश का चालू खाता घाटा कम हो रहा है और अगर ऐसा ही चलता रहा तो कोई बड़ी बात नहीं जब रुपया और मजबूत हो जाए और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया भी आने वाले दिनों में रिजर्व करेंसी बन जाए।