नयी दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के दौरान दूरसंचार उद्योग द्वारा उपलब्ध सुविधा के चलते डिजिटल का उपयोग काफी बढ़ा है, लेकिन उद्योग खुद वित्तीय संकट में घिरा हुआ है। दूरसंचार ऑपरेटरों के संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने नकदी संकट, शुल्कों को सुसंगत बनाने, समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) और स्पेक्ट्रम के मूल्य जैसे मुद्दों पर सरकार से उद्योग को समर्थन की मांग की है। सीओएआई ने अपने 2021 के परिदृश्य में कहा कि पांचवीं पीढ़ी की मोबाइल सेवा-5जी के 2021 में शुरू होने की उम्मीद है। सीओएआई के महानिदेशक एस पी कोचर ने सोमवार को बयान में कहा कि प्रौद्योगिकी की वजह से कई तरह की संभावनाएं खुलेंगी। कारोबारी मॉडल से लेकर बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा और इंटेलिजेंट लॉजिस्टिक्स आदि क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा, ‘उद्योग पर वित्तीय दबाव कायम है। हम सरकार का समर्थन चाहते हैं जिससे उद्योग चौतरफा आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके और राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में योगदान दे सके।ÓÓ उन्होंने कहा कि तरलता की समस्या को दूर करना, नियामकीय शुल्कों को तर्कसंगत करना, एजीआर के मुद्दे, स्पेक्ट्रम मूल्य, राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) नियम और मोबाइल टावरों से विकिरण की समस्या जैसी उद्योग के समक्ष प्रमुख चुनौतियां हैं। कोचर ने कहा कि सीओएआई सरकार और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के समक्ष लगातार ये मुद्दे उठा रहा है।