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असंगठित कामगारों के लिए फंड की घोषणा संभव,


  •  नई दिल्ली। असंगठित क्षेत्र के कामगारों को विभिन्न प्रकार की मदद के लिए सरकार एक फंड की स्थापना करने जा रही है। आगामी बजट में इस फंड की विस्तृत घोषणा हो सकती है। वहीं, ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत असंगठित कामगारों को जल्द ही कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) से जुड़े अस्पताल की ओपीडी सुविधा मिल सकती है। ओमिक्रोन की वजह से देशव्यापी लाकडाउन की स्थिति में भी ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत श्रमिकों को सहायता दी जा सकती है। असंगठित कामगारों के आंकड़े एकत्र करने व उनकी मदद के लिए सकार ने पिछले साल अगस्त महीने में ई-श्रम पोर्टल की शुरुआत की थी।

अब तक देश भर के 19.51 करोड़ से अधिक असंगठित कामगार इस पोर्टल पर पंजीकृत हो चुके हैं।श्रम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि असंगठित कामगारों की राष्ट्रीय स्तर पर देखभाल और उनकी भलाई के लिए सरकार एक राष्ट्रीय प्राधिकरण की स्थापना करने जा रही है। यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की तर्ज पर होगा। असंगठित कामगारों के लिए फंड की भी स्थापना की जाएगी और आगामी बजट में इसकी घोषणा हो सकती है। हालांकि फंड का आकार क्या होगा, इस पर अभी फैसला नहीं हुआ है।

इस फंड का इस्तेमाल कामगारों की भलाई से जुड़े काम के लिए किया जाएगा। नई श्रम संहिता के तहत असंगठित कामगारों के लिए फंड का प्रविधान किया गया है। ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत श्रमिकों को ईएसआईसी अस्पताल की ओपीडी सुविधा भी दी जाएगी। मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी सभी योजनाओं को ई-श्रम पोर्टल से जोड़ने की तैयारी चल रही है ताकि इस पोर्टल पर पंजीकृत होने वाले श्रमिक उसका लाभ उठा सकें। सरकार की बीमा योजना, पेंशन योजना, जीवन ज्योति योजना जैसी तमाम स्कीम इन कामगारों के लिए लागू होंगी जिसकी विस्तृत रूपरेखा तैयार हो रही है।

श्रम मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत श्रमिकों को जरूरत पड़ने पर नकद रूप में भी सहायता दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश ने अपने राज्य के पंजीकृत श्रमिकों को 500-500 रुपये देने की घोषणा की है। कर्नाटक भी इस प्रकार से अपने श्रमिकों को नकद मदद देने पर विचार कर रहा है। उन्होंने बताया कि ओमिक्रोन की वजह से अगर देशव्यापी लॉकडाउन की स्थिति बनती है तो इस बार निश्चित रूप से केंद्र सरकार पंजीकृत कामगारों को वित्तीय मदद देगी। पोर्टल पर पंजीकृत होने वाले श्रमिकों को एक विशेष नंबर दिया गया है और उनके आधार कार्ड या बैंक खाते की जानकारी पोर्टल पर है। इसलिए किसी राज्य या केंद्र को इन कामगारों को मदद देने में कोई दिक्कत नहीं आएगी